घरेलू शेयर बाजार में गिरावट का सिलसिला बुधवार को लगातार छठे दिन भी जारी रहा. विदेशी निवेशकों की पूंजी निकासी और वैश्विक बाजारों में अस्थिरता के चलते बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिला.
हालांकि, अंतिम घंटे में कुछ खरीदारी देखने को मिली, जिससे बाजार अपनी शुरुआती भारी गिरावट से उबरने में सफल रहा.
बीएसई का 30 शेयरों वाला प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 122.52 अंक यानी 0.16% की गिरावट के साथ 76,171.08 के स्तर पर बंद हुआ. वहीं, निफ्टी 50 भी 26 अंक की गिरावट झेलकर 23,216.50 के स्तर पर बंद हुआ.
विश्लेषकों के अनुसार, बाजार में गिरावट की प्रमुख वजहें निम्नलिखित हैं;
बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में अस्थिरता बनी रह सकती है. निवेशकों को सतर्क रहकर निर्णय लेने की सलाह दी जा रही है.
शेयर बाजार वह स्थान है जहां निवेशक कंपनियों के शेयर खरीदते और बेचते हैं. यह बाजार अर्थव्यवस्था का अहम हिस्सा है, जो निवेशकों को कंपनियों में हिस्सेदारी खरीदने और बेचने का मौका देता है. शेयर बाजार की मदद से कंपनियां पूंजी जुटाती हैं, जबकि निवेशक इसे लाभ कमाने का माध्यम मानते हैं.
भारत में मुख्यत दो प्रकार के शेयर बाजार हैं;
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE): यह भारत का सबसे बड़ा और प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज है, जहां विभिन्न कंपनियों के शेयरों की खरीद-फरोख्त होती है.
बंबई स्टॉक एक्सचेंज (BSE): यह भारत का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है, जहां बड़ी संख्या में कंपनियों के शेयरों का लेन-देन होता है.
शेयर बाजार निवेशकों को अच्छा लाभ कमाने का अवसर प्रदान करता है. यदि कोई निवेशक सही समय पर सही शेयरों में निवेश करता है, तो उसे अच्छा रिटर्न मिल सकता है. इसके अलावा, यह कंपनियों को अपने व्यवसाय का विस्तार करने के लिए पूंजी जुटाने का एक बेहतरीन तरीका प्रदान करता है.