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India Daily

29 साल बाद भारतीय शेयर बाजार में क्यों नहीं रुक रही गिरावट, आगे सुधरेगा या होंगे और भी बुरे हालात?

भारतीय शेयर बाजार में गिरावट के कारण समझ में आते हैं, लेकिन भविष्य में स्थिति का आकलन करना कठिन हो सकता है. ऐसे में निवेशकों को सतर्क रहकर आगे की योजना बनानी चाहिए.

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Edited By: Mayank Tiwari
भारतीय शेयर बाजार में आई गिरावट
Courtesy: Social Media

भारतीय घरेलू शेयर बाजार पिछले पांच महीनों से लगातार गिरावट का सामना कर रहा है. ऐसे में विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की बिकवाली और कमजोर तिमाही परिणामों के कारण यह गिरावट आ रही है. बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी अपने सबसे लंबे गिरावट के महीने की ओर बढ़ रहे हैं, जो दशकों में एक नया रिकॉर्ड बना सकते हैं. आखिरी बार निफ्टी ने 1996 के जुलाई से नवंबर के बीच पांच महीनों तक निरंतर गिरावट देखी थी.

निफ्टी और सेंसेक्स का प्रदर्शन

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एनएसई निफ्टी ने 27 सितंबर 2024 को 26,277.35 का उच्चतम स्तर छुआ था, जो अब 24 फरवरी 2025 तक गिरकर 22,550 के आसपास पहुंच गया है. यह लगभग 14.18% की गिरावट है. वहीं, बीएसई सेंसेक्स भी 27 सितंबर 2024 को 85,978.25 के स्तर पर था, और अब यह 74,458.32 पर आ चुका है, जो कि 13.39% की गिरावट को दर्शाता है.

गिरावट के कारण

भारतीय शेयर बाजार में गिरावट के पीछे कई कारण हैं, जिनमें प्रमुख हैं:

  • एफपीआई का निरंतर बहाव: इस फाइनेंशियल ईयर 2024-25 में अब तक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने कुल 16,06,492 करोड़ रुपये की निकासी की है, जिसमें शेयर, ऋण और म्यूचुअल फंड्स शामिल हैं.
  • कमजोर तिमाही नतीजे: Q2 के कमजोर परिणामों ने बाजार में बिकवाली को बढ़ावा दिया. विभिन्न सेक्टर्स में कमजोर प्रदर्शन जैसे कि ऑटो और एफएमसीजी सेक्टर में कमी आई.
  • कमजोर जीडीपी वृद्धि: भारत की Q2 जीडीपी वृद्धि केवल 5.4% रही, जो कि अपेक्षित 6.5% से कम थी.
  • वैश्विक राजनीति की अनिश्चितताएं: रूस-यूक्रेन युद्ध और मध्य पूर्व के तनाव ने भी भारतीय बाजार को प्रभावित किया है.
  • अमेरिका में उछाल: अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद बाजार में उछाल आया, जिसने विदेशी निवेशकों को भारतीय बाजारों से दूर रखा.

आगे क्या होगा?

विश्लेषकों का कहना है कि आने वाले महीनों में शेयर बाजार दिशा-रहित रह सकता है. कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के अनुसार, पिछले कुछ सालों में मजबूत रिटर्न की वजह से अब बाजार समायोजन की प्रक्रिया में है. कोटक ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि शेयर बाजार का मूल्यांकन ऊंचा है और उच्च वैश्विक ब्याज दरों और गिरते विदेशी निवेश के कारण जोखिम बना हुआ है.

जेएम फाइनेंशियल की भविष्यवाणी 

जेएम फाइनेंशियल के अनुसार, निफ्टी मार्च में सकारात्मक रिटर्न दिखा सकता है, क्योंकि पिछले 10 सालों में मार्च महीने में निफ्टी ने सात बार सकारात्मक प्रदर्शन किया है.