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ट्रंप ने टैरिफ पर कुछ समय के लिए लगाया ब्रेक तो चमक गया भारत का शेयर बाजार, सेंसेक्स और निफ्टी ने भरी तगड़ी उड़ान

इसके अलावा, मार्केट का दृष्टिकोण अभी भी सकारात्मक है, और निफ्टी 50 के लिए अगले कुछ दिनों में 23,440, 23,700 और 23,840 के स्तर पर प्रतिरोध देखने को मिल सकता है. हालांकि, अगर 23,320 का स्तर टूटता है, तो बाजार के तेजी की गति धीमी हो सकती है.

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कनाडा और मेक्सिको पर लगाए गए टैरिफ में 30 दिनों की देरी के बाद भारतीय बाजारों में एक नई उछाल देखने को मिली है. इससे पहले के दो सत्रों में गिरावट के बाद, 4 फरवरी को भारतीय शेयर बाजार में तेजी आई और सेंसेक्स ने करीब 700 अंकों की बढ़त दर्ज की, वहीं निफ्टी भी 23,550 के स्तर पर पहुंच गया.

ट्रंप के फैसले का बाजार पर प्रभाव

अमेरिका द्वारा कनाडा और मेक्सिको पर लगाए गए टैरिफ को 30 दिनों के लिए टालने के फैसले ने एशियाई बाजारों में सकारात्मक असर डाला. इससे व्यापारिक युद्ध की आशंकाएं कुछ हद तक कम हुईं और निवेशकों को राहत मिली. हालांकि, चीन पर लगाए जाने वाले टैरिफ अभी भी प्रभावी रहेंगे, जिससे बाजार में उतार-चढ़ाव की संभावना बनी हुई है.

भारतीय शेयर बाजार का प्रदर्शन

सुबह 9.45 बजे, सेंसेक्स 697 अंक (0.9 प्रतिशत) बढ़कर 77,884 के स्तर पर था, जबकि निफ्टी 204 अंक (0.9 प्रतिशत) चढ़कर 23,565 पर पहुंच गया था. इस दौरान, करीब 2,312 शेयरों में तेजी आई, जबकि 670 शेयरों में गिरावट आई और 127 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ.

मौजूदा अनिश्चितता और बाजार की स्थिति

मोटिलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के उपाध्यक्ष रुचित जैन ने कहा, "अमेरिकी टैरिफ के बारे में चल रही अनिश्चितता के कारण, शॉर्ट-टर्म में बाजार में उतार-चढ़ाव जारी रहने की संभावना है. टैरिफ फैसलों का अनिश्चित होना बाजार की अस्थिरता को बढ़ाता है."

वर्तमान में, बाजार में बढ़त देखने को मिल रही है, लेकिन यह अस्थिरता बनी हुई है. बाजार में स्थिरता के लिए कुछ समय की आवश्यकता हो सकती है.

सेक्टरल प्रदर्शन और शेयरों में तेजी

बाजार के प्रमुख सेक्टरों में, निफ्टी आईटी और बैंकों के शेयरों में खासा उछाल देखा गया. इसके अलावा, निफ्टी ऑटो इंडेक्स में भी 1.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, क्योंकि ऑटो एंक्लरी कंपनियां जैसे सोना बीएलडब्ल्यू और समवर्धना मोटर्स में 7 प्रतिशत और 8 प्रतिशत की तेजी आई.

बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में भी लगभग 1 प्रतिशत की बढ़त हुई, हालांकि इन शेयरों में अभी भी आकर्षक निवेश स्तर तक नहीं पहुंची है.

जैन के अनुसार, मिड- और स्मॉलकैप शेयरों में अगले एक से तीन महीनों तक एक समेकन (consolidation) phase देखने को मिल सकता है, लेकिन दीर्घकालिक निवेशकों के लिए यह एक बढ़िया खरीदारी का मौका हो सकता है.