Sensex Fall: बिकवाली जारी रहने से शेयर बाजार में 8वें दिन गिरावट, सेंसेक्स 200 अंक और टूटा
विश्लेषकों के अनुसार, बाजार में यह गिरावट मुख्य रूप से वैश्विक संकेतों और विदेशी निवेशकों द्वारा लगातार हो रही बिकवाली के कारण आई है. अमेरिका और अन्य वैश्विक बाजारों में अस्थिरता के चलते भारतीय शेयर बाजार पर भी दबाव बना हुआ है. इसके अलावा, कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव और अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी भी निवेशकों की धारणा को प्रभावित कर रही है.
Sensex Fall: विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) द्वारा पूंजी निकासी जारी रहने से भारतीय शेयर बाजार में शुक्रवार को लगातार आठवें दिन गिरावट देखने को मिली.
शुरुआती कारोबार में सकारात्मक रुख के बावजूद बाजार अपनी बढ़त बरकरार नहीं रख सका और दिनभर के उतार-चढ़ाव के बाद लाल निशान में बंद हुआ.
सेंसेक्स 200 अंकों की गिरावट के साथ बंद
बीएसई सेंसेक्स 199.76 अंक या 0.26% की गिरावट के साथ 75,939.21 के स्तर पर बंद हुआ. वहीं, एनएसई निफ्टी भी कमजोरी के साथ बंद हुआ, जिससे निवेशकों की चिंता बढ़ गई. बाजार में लगातार जारी गिरावट ने निवेशकों को सतर्क कर दिया है, और वे आगे की रणनीति पर विचार कर रहे हैं.
कारण: वैश्विक संकेत और विदेशी पूंजी निकासी
विश्लेषकों के अनुसार, बाजार में यह गिरावट मुख्य रूप से वैश्विक संकेतों और विदेशी निवेशकों द्वारा लगातार हो रही बिकवाली के कारण आई है. अमेरिका और अन्य वैश्विक बाजारों में अस्थिरता के चलते भारतीय शेयर बाजार पर भी दबाव बना हुआ है. इसके अलावा, कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव और अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी भी निवेशकों की धारणा को प्रभावित कर रही है.
बाजार पर आगे क्या रहेगा असर?
शेयर बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि यदि विदेशी निवेशक लगातार पूंजी निकासी जारी रखते हैं, तो बाजार में और गिरावट देखने को मिल सकती है. हालांकि, घरेलू निवेशकों का समर्थन और कुछ सेक्टर्स में सुधार से बाजार में स्थिरता लौटने की संभावना बनी हुई है.
किन सेक्टर्स पर पड़ा असर?
- बैंकिंग और फाइनेंशियल सेक्टर: इन सेक्टर्स में भारी बिकवाली देखने को मिली.
- आईटी और टेक सेक्टर: हल्की गिरावट रही, लेकिन निवेशकों की नजरें इसपर बनी हुई हैं.
- मेटल और एनर्जी सेक्टर: इस क्षेत्र में भी दबाव बना रहा.
निवेशकों के लिए सलाह
विशेषज्ञों का कहना है कि इस गिरावट के बावजूद लंबी अवधि के निवेशकों को घबराने की जरूरत नहीं है. बाजार में उतार-चढ़ाव सामान्य प्रक्रिया है और मजबूत कंपनियों में निवेश बनाए रखना फायदेमंद हो सकता है.