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Share Market Today: शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया आठ पैसे टूटकर 86.96 पर

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में मंगलवार को शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया आठ पैसे गिरकर 86.96 पर आ गया। यह गिरावट विदेशी कोषों की लगातार निकासी और घरेलू शेयर बाजारों में नकारात्मक रुख के चलते आई.

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Edited By: Anvi Shukla
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Courtesy: pinterest

विदेशी मुद्रा व्यापारियों ने कहा कि डॉलर/रुपये की जोड़ी के लिए नकारात्मक रुझान है, क्योंकि विदेशी निवेशक घरेलू शेयर बाजारों में बिकवाली जारी रखे हुए हैं और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) का समर्थन धीरे-धीरे कम हो रहा है.

भारतीय रुपया आज के शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले आठ पैसे गिरकर 86.96 पर पहुंच गया. यह गिरावट वैश्विक वित्तीय बाजारों में उतार-चढ़ाव और घरेलू कारकों के चलते आई है. विशेषज्ञों का मानना है कि रुपये की कमजोरी एक तरफ जहां वैश्विक बाजारों में डॉलर की मजबूती के कारण हो रही है, वहीं दूसरी ओर घरेलू आर्थिक संकेतक भी इस गिरावट को प्रभावित कर रहे हैं.

शेयर मार्किट का असर:

अमेरिकी डॉलर की ताकत में मजबूती के कारण भारतीय रुपया दबाव में है. डॉलर के मुकाबले रुपये की कमजोरी ने निवेशकों को चिंतित कर दिया है, क्योंकि यह भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए नकारात्मक संकेत हो सकता है. वैश्विक स्तर पर अमेरिकी फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति और आर्थिक आंकड़ों की घोषणा ने डॉलर को मजबूत किया, जिससे भारतीय मुद्रा पर दबाव बढ़ा. भारत में बढ़ती महंगाई और अन्य आर्थिक मुद्दों के कारण भी रुपये में गिरावट आई है. विशेषज्ञों के अनुसार, जब घरेलू अर्थव्यवस्था पर दबाव होता है, तो यह विदेशी मुद्रा बाजार पर भी प्रभाव डालता है. इसके अलावा, आयातित वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि और तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव ने भी रुपये की स्थिति को प्रभावित किया है.

रुपये की गिरावट ने निवेशकों को सतर्क कर दिया है, और वे अब अपने निवेश की रणनीतियों में बदलाव की योजना बना रहे हैं. "जब तक रुपये की गिरावट जारी रहती है, निवेशकों को विदेशी मुद्रा बाजार में जोखिम से बचने के लिए सावधान रहना होगा," - एक प्रमुख वित्तीय विशेषज्ञ ने कहा. 

भविष्य में क्या उम्मीदें?

एक्सपर्ट का मानना है कि रुपये में और गिरावट देखने को मिल सकती है, लेकिन यह अस्थायी हो सकती है. आने वाले महीनों में वैश्विक और घरेलू आर्थिक परिस्थितियों में सुधार हो सकता है, जिससे रुपये की स्थिति में सुधार संभव है. हालांकि, इस समय में निवेशकों को सतर्क रहना और बाजार के उतार-चढ़ाव को समझते हुए निवेश निर्णय लेने की सलाह दी जा रही है.

आज के शुरुआती कारोबार में रुपये में आई गिरावट से भारतीय मुद्रा को लेकर चिंताएं बढ़ी हैं. हालांकि, यह गिरावट अस्थायी हो सकती है, और भविष्य में स्थितियों में सुधार हो सकता है. निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे आर्थिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए अपने निवेश निर्णय लें.