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ठंडा पड़ा रियल स्टेट सेक्टर, 28 फीसदी तक गिरावट दर्ज, क्या है इसके पीछे की वजह?

इस साल जनवरी से मार्च के बीच देश के नौ प्रमुख शहरों में नई रियल स्टेट के बिजनेस में 34 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है. रियल एस्टेट डेटा विश्लेषण फर्म प्रॉपइक्विटी की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, इस तिमाही में नई आवास इकाइयों की संख्या घटकर 80,774 रह गई.

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Edited By: Garima Singh
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Real estate sector: इस साल जनवरी से मार्च के बीच देश के नौ प्रमुख शहरों में नई रियल स्टेट के बिजनेस में 34 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है. रियल एस्टेट डेटा विश्लेषण फर्म प्रॉपइक्विटी की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, इस तिमाही में नई आवास इकाइयों की संख्या घटकर 80,774 रह गई, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह आंकड़ा 1,22,365 था. यह गिरावट बेंगलुरु को छोड़कर सभी प्रमुख शहरों में देखी गई है. 

प्रॉपइक्विटी की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि बेंगलुरु एकमात्र ऐसा शहर है जहां नई रियाल स्टेट के बिजनेस में वृद्धि हुई है. जनवरी-मार्च 2025 में बेंगलुरु में यह संख्या 17 प्रतिशत बढ़कर 20,227 इकाई हो गई, जो पिछले साल 17,303 थी.  वहीं, अन्य शहरों में स्थिति उलट है. दिल्ली-एनसीआर में आपूर्ति 14 प्रतिशत  घटकर 10,101, चेन्नई में 46 प्रतिशत गिरावट के साथ 3,946, और हैदराबाद में 38 प्रतिशत की कमी के साथ 8,773 रह गई. कोलकाता में यह आंकड़ा 62 प्रतिशत गिरकर 1,874 पर पहुंच गया है. 

मुंबई, पुणे और ठाणे में भी हालात खराब

मुंबई में नई आवासीय इकाइयों की आपूर्ति आधी होकर 6,359 इकाई रह गई, जो पिछले साल 12,840 थी. नवी मुंबई में 24 प्रतिशत की गिरावट के साथ 5,810 इकाई और पुणे में 48 प्रतिशत की कमी के साथ 12,479 इकाई दर्ज की गई है. ठाणे में भी आपूर्ति 50 प्रतिशत घटकर 11,205 इकाई रह गई. 

क्या कहती है विशेषज्ञों की राय?

एमवीएन इन्फ्रास्ट्रक्चर के संस्थापक वरुण शर्मा के मुताबिक, "दिल्ली-एनसीआर इलाके में नई इकाइयों की आपूर्ति में गिरावट डेवलपरों के रणनीतिक फोकस को दर्शाती है, जो खरीदारों की बदलती प्राथमिकताओं के साथ तालमेल बिठाने पर केंद्रित है." इन्वेस्टोएक्सपर्ट के संस्थापक विशाल रहेजा ने बताया, "दिल्ली-एनसीआर में खरीदार की दिलचस्पी बनी हुई है लेकिन सीमित नई पेशकश से आपूर्ति-पक्ष पर दबाव पड़ रहा है. यह उच्च मांग वाले सूक्ष्म बाजारों में मूल्य वृद्धि को बढ़ावा दे रहा है.