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India Daily

पर्सनल लोन लेने वालों को राहत देंगे बैंक! RBI के रेपो रेट में कटौती से जगी उम्मीदें

आरबीआई द्वारा आज की गई ब्याज दर में कटौती को ब्याज दर में कटौती के चक्र की शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है, जिससे बैंकों द्वारा ऋण पर ली जाने वाली ब्याज दरों में धीरे-धीरे कमी आ सकती है.

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Edited By: Mayank Tiwari
भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया
Courtesy: Social Media

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कमी करके इसे 6.25 प्रतिशत कर दिया है, जिससे नए लोन पर ब्याज दरों में गिरावट की संभावना है. गौरतलब है कि, यह कटौती करीब 5 सालों में पहली बार की गई है, जिससे लोन लेने वालों को राहत मिल सकती है. रेपो दर में 25 आधार अंकों की कटौती को दर कटौती चक्र की शुरुआत के रूप में देखा जाता है. आम तौर पर, बैंक फ्लोटिंग लोन, जैसे कि होम लोन, पर ब्याज दरों में कटौती करते हैं, जो रेपो दरों से जुड़े होते हैं.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, RBI की ओर से रेपो रेट में की गई इस कटौती से बैंकों को सस्ते में लघु अवधि के वित्तपोषण की सुविधा मिल रही है. इसका असर पर्सनल लोन की ब्याज दरों पर भी पड़ सकता है, खासकर खुदरा उधारकर्ताओं के लिए, जिनके लिए आने वाले हफ्तों में ब्याज दरों में गिरावट हो सकती है. 25 बेसिस प्वाइंट की यह कटौती दर में कमी के एक चक्र की शुरुआत मानी जा रही है. 

MCLR और ऋणों की दरें

बता दें कि, बैंक अपने लोन को मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड-बेस्ड लेंडिंग रेट्स (MCLR) के आधार पर प्रदान करते हैं, जिसमें जमा दरें, रेपो रेट, परिचालन लागत, और नकद रिजर्व रेट बनाए रखने की लागत शामिल होती है. MCLR वह दर है, जिस पर बैंक अपने लोन को देने के लिए अनुमति प्राप्त करते हैं. हालांकि, साल 2016 में, RBI ने बेस रेट सिस्टम को हटा कर MCLR-आधारित लेंडिंग रेट्स को लागू किया था.

ब्याज दरों में कटौती का प्रभाव

यह नियम नहीं है कि बैंक हमेशा ब्याज दरों में कटौती का लाभ उधारकर्ताओं को समान अनुपात में देंगे. हालांकि, बैंकों को जो लाभ रेपो रेट में कटौती से मिलता है, उसका कुछ हिस्सा आमतौर पर कम ब्याज दरों के रूप में उधारकर्ताओं को मिल जाता है. खासतौर पर, पर्सनल लोन की ब्याज दरें निश्चित होती हैं और यह लोन के अवधि के दौरान नहीं बदलतीं. लेकिन होम लोन और कार लोन जैसी फ्लोटिंग रेट्स वाले लोन की ब्याज दरें अधिक अस्थिर होती हैं.

नए लोन पर ब्याज दर में कमी का असर

Wealth Ladder Direct के संस्थापक श्रीधरन एस का कहना है कि, "हर बैंक के अपने नियम होते हैं. नए लोन के लिए, बैंकों से ब्याज दरों में कमी का लाभ मिलने की उम्मीद है, लेकिन मौजूदा लोन (गृह और कार लोन) पर इसे लागू होने में समय लग सकता है.

 वहीं, नाइट फिनटेक के संस्थापक और सीईओ, कुशल रस्तोगी का कहना है, "RBI द्वारा हाल की 25 बेसिस प्वाइंट की रेपो रेट कटौती, हालांकि उम्मीद की जा रही थी, उधारी की लागत को कम करने के लिए डिज़ाइन की गई है.