भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक ने नतीजे का ऐलान किया है. इस दौरान भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने एमपीसी बैठक के फैसलों का ऐलान किया है. दरअसल, आरबीआई ने लगातार 11वीं बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है. गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, "मौद्रिक नीति समिति ने 4:2 के बहुमत से नीतिगत रेपो दर को 6.5% पर अपरिवर्तित रखने का फैसला किया गया है.
आरबीआई गवर्नर ने बताया कि मौद्रिक नीति का व्यापक प्रभाव होता है, समाज के हर क्षेत्र के लिए कीमत स्थिरता जरूरी और हम आर्थिेक वृद्धि को ध्यान में रखकर काम कर रहे हैं उन्होंने कहा कि महत्वपूर्ण आंकड़ों से संकेत मिलता है कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में आर्थिक वृद्धि तेज होगी. चूंकि, जुलाई-सितंबर की तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर अनुमान से कम 5.4 प्रतिशत पर रही. आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष के आर्थिक बढ़ोत्तरी दर के अनुमान को 7.2 प्रतिशत से घटाकर 6.6 प्रतिशत कर दिया है.
#WATCH मुंबई: RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, "मौद्रिक नीति समिति ने 4:2 के बहुमत से नीतिगत रेपो दर को 6.5% पर अपरिवर्तित रखने का फैसला किया..."
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 6, 2024
(सोर्स: RBI) pic.twitter.com/CDariYjYxU
खाद्य पदार्थों की कीमतों को लेकर मुद्रास्फीति रहेगी ऊंची- RBI गवर्नर
प्रेस कांफ्रेंस के दौरान आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास का कहना है कि दूसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था में सुस्ती का संकेत देने वाले संकेतक अब खत्म होने की स्थिति में हैं. खाद्य पदार्थों की कीमतों में लगातार दबाव रहने से तीसरी तिमाही में मुद्रास्फीति ऊंची रहने की संभावना लग रही है. इसके विपरीत, अगर अर्थव्यवस्था सुस्त है तो रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया रेपो रेट कम कर सकती है. इससे बैंकों को सस्ता पैसा मिलेगा और वे ग्राहकों को भी कम ब्याज दर पर लोन दें सकेंगे. इससे लोग ज्यादा खर्च करेंगे और अर्थव्यवस्था तेज गति से आगे बढ़ेगी.
जीडीपी ग्रोथ अनुमान को 7.2% से कम करके 6.6% किया
इसके अलावा आरबीआई ने जीडीपी ग्रोथ अनुमान को 2024-25 के लिए 7.2% से कम करके 6.6% कर दिया है. साथ ही वित्त वर्ष 2025 के लिए महंगाई का अनुमान, पहले के 4.5% के मुकाबले बढ़ाकर 4.8% कर दिया है. अभी दो दिन पहले ही जीडीपी की दूसरी तिमाही के आंकड़े आए हैं जिसमें दूसरी तिमाही में जीडीपी दर 5.4% आई है.