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India Daily

डिजिटल स्कैम से बचने के लिए RBI का नया प्लान, भारतीय बैंकों के लिए पेश किया नया डोमेन

RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने अपनी पहली मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में कई महत्वपूर्ण लिया है. पाचं साल बाद रेपो रेट में कटौती की गई है. इसके अलावा डिजिटल स्कैम से बचने केंद्रीय बैंक द्वारा कई एक्शन लिया गया है.

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Edited By: Shanu Sharma
RBI MPC Meeting
Courtesy: Social Media

RBI MPC Meeting: भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने अपनी पहली मौद्रिक नीति समिति (MPC) बैठक में रेपो रेट में 25 आधार अंकों की कटौती की घोषणा की है. यह कटौती लगभग पांच सालों के बाद की गई है. इसके अलावा भी आरबीआई गर्वनर ने कई घोषणा की है.  

RBI द्वारा भारतयी बैंकों के लिए एक विशेष इंटरनेट डोमेन 'bank.in' की घोषणा की गई है. इसके अलावा रिजर्व बैंक द्वारा बाद में  वित्तीय क्षेत्र के लिए 'fin.in' भी शुरू करने का ऐलान किया गया है. वहीं बैठक के दौरान गवर्नर संजय मल्होत्रा ने डिजिटल धोखाधड़ी में बढ़ोतरी को लेकर चिंता भी जाहीर की है. जिससे निपटने के लिए इन डोमेन का ऐलान किया गया है. 

क्या है RBI का प्लान 

केंद्रीय बैंक ने अपनी नवीनतम अधिसूचना में बताया कि रिजर्व बैंक भारतीय बैंकों के लिए 'bank.in' विशेष इंटरनेट डोमेन लागू करेगा. इससे बैंकिंग धोखाधड़ी से बचने में मदद मिलेगी. इसके बाद वित्तीय क्षेत्र के लिए 'fin.in' डोमेन लागू किया जाएगा. अप्रैल 2025 से सभी भारतीय बैंकों को 'bank.in' डोमेन के तहत काम करना अनिवार्य होगा. इससे ग्राहकों को वैध बैंकिंग वेबसाइटों को समान दिखने वाली और धोखाधड़ी वाली वेबसाइटों से अलग करने में मदद मिलेगी. जिससे डिजिटल स्कैम कम हो पाएगा.  आरबीआई ने घरेलू डिजिटल भुगतानों के लिए अतिरिक्त प्रमाणीकरण कारक (एएफए) भी पेश किया है. जिससे ऑनलाइन बैंकिंग के लिए सख्त उपाय किए गए हैं.

साइबर जोखिमों को कम करने की कोशिश 

केंद्रीय बैंक ने कहा कि बैंकिंग और भुगतान प्रणाली में डिजिटल सुरक्षा बढ़ाने के लिए रिजर्व बैंक कई उपाय कर रहा है. घरेलू डिजिटल भुगतानों के लिए अतिरिक्त प्रमाणीकरण कारक (एएफए) की शुरूआत एक ऐसा ही उपाय है. विदेशी व्यापारियों को किए जाने वाले ऑनलाइन अंतरराष्ट्रीय डिजिटल भुगतानों के लिए एएफए का विस्तार करने का भी प्रस्ताव दिया है. RBI ने अपनी अधिसूचना में आगे उल्लेख किया कि बैंकों और एनबीएफसी को साइबर जोखिमों को कम करने के लिए निवारक और जासूसी नियंत्रण में लगातार सुधार करना चाहिए. उन्हें परिचालन लचीलेपन के लिए समय-समय पर परीक्षण के माध्यम से मजबूत घटना प्रतिक्रिया और पुनर्प्राप्ति तंत्र विकसित करना चाहिए. अधिसूचना में आगे लिखा गया कि उक्त कदम साइबर अपराध से निपटने, दुर्भावनापूर्ण गतिविधियों को रोकने और देश के वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने में मदद करेगा.