पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने 270.57 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की सूचना भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को दी है. यह धोखाधड़ी ओडिशा की गुप्ता पावर इन्फ्रास्ट्रक्चर द्वारा की गई है. पीएनबी ने इस मामले की जानकारी शेयर बाजार को भी दी है.
पीएनबी ने बताया कि यह धोखाधड़ी भुवनेश्वर के स्टेशन स्क्वायर शाखा में दी गई ऋण सुविधा के माध्यम से की गई है. गुप्ता पावर इन्फ्रास्ट्रक्चर लि. द्वारा 270.57 करोड़ रुपये की यह धोखाधड़ी बैंकिंग मानदंडों के उल्लंघन के कारण हुई. बैंक ने अपने नियमों के अनुसार इस धोखाधड़ी की राशि का पूरा प्रावधान पहले ही कर लिया है, जिससे बैंक की वित्तीय स्थिरता पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ा है.
आरबीआई को दी गई सूचना
पीएनबी ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को धोखाधड़ी की जानकारी देते हुए आवश्यक कार्रवाई का अनुरोध किया है. बैंक ने शेयर बाजार को दी गई सूचना में स्पष्ट किया कि धोखाधड़ी की राशि के संबंध में सभी वित्तीय मानदंडों का पालन किया गया है और नियामकीय दिशा-निर्देशों के तहत समुचित कदम उठाए गए हैं.
पीएनबी की वित्तीय स्थिति पर असर
हालांकि इस धोखाधड़ी का बैंक के शुद्ध लाभ पर सीधा असर नहीं पड़ा है. पंजाब नेशनल बैंक ने चालू वित्त वर्ष की दिसंबर तिमाही में शुद्ध लाभ 4,508 करोड़ रुपये दर्ज किया, जो पिछले वर्ष की इसी तिमाही में 2,223 करोड़ रुपये था. बैंक की कुल आय भी 29,962 करोड़ रुपये से बढ़कर 34,752 करोड़ रुपये हो गई है, जो मजबूत वित्तीय प्रदर्शन को दर्शाती है.
सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (GNPA) में सुधार
पीएनबी ने सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (GNPA) अनुपात में भी सुधार दर्ज किया है.
GNPA अनुपात 6.24 प्रतिशत से घटकर 4.09 प्रतिशत हो गया, जो बैंक की वित्तीय सेहत में सुधार को दर्शाता है. बैंक प्रबंधन ने धोखाधड़ी के मामलों में सख्त कदम उठाने और ऋण वसूली में सुधार पर जोर दिया है.
क्या है गुप्ता पावर इन्फ्रास्ट्रक्चर का मामला?
गुप्ता पावर इन्फ्रास्ट्रक्चर लि. पर भुवनेश्वर शाखा से लिए गए ऋण के दुरुपयोग और धोखाधड़ी का आरोप है. पीएनबी ने मामले की जांच शुरू कर दी है और आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जा रही है. आरबीआई से संबंधित दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए धोखाधड़ी की सूचना दी गई है, जिससे बैंकिंग प्रणाली की पारदर्शिता को बनाए रखा जा सके.
बैंकिंग क्षेत्र में धोखाधड़ी के मामलों पर बढ़ती चिंता
यह मामला भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में बढ़ते धोखाधड़ी के मामलों की ओर इशारा करता है.
विशेषज्ञों के अनुसार, बैंकों को अधिक सतर्कता बरतने और क्रेडिट मंजूरी प्रक्रियाओं को और कठोर बनाने की जरूरत है. आरबीआई भी धोखाधड़ी पर नियंत्रण के लिए सख्त नियम लागू कर रहा है.