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India Daily

फिर विवादों में Paytm, ED ने भेजा 611 करोड़ का नोटिस, जानें पूरा मामला

ईडी ने पेटीएम की मूल कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस को दो सहायक कंपनियों के अधिग्रहण में कुछ फेमा नियमों के उल्लंघन के आरोप में नोटिस जारी किया है. यह कार्रवाई कंपनी के लिए महत्वपूर्ण है.

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Edited By: Ritu Sharma
Paytm Controversy
Courtesy: Social Media

Paytm Controversy: डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म Paytm एक बार फिर कानूनी पचड़ों में फंसता नजर आ रहा है. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कंपनी की मूल कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड को 611 करोड़ रुपये का कारण बताओ नोटिस भेजा है. यह नोटिस फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (FEMA), 1999 के कथित उल्लंघन को लेकर जारी किया गया है.

क्यों भेजा गया Paytm को ED का नोटिस?

आपको बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय ने यह नोटिस पेटीएम द्वारा लिटिल इंटरनेट प्राइवेट लिमिटेड (LIPL) और नियरबाय इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (NIPL) नामक दो अनुषंगी कंपनियों के अधिग्रहण को लेकर जारी किया है. इन कंपनियों के लेन-देन की जांच के दौरान 2015 से 2019 के बीच FEMA के कुछ प्रावधानों के उल्लंघन की बात सामने आई है. वहीं वन97 कम्युनिकेशंस ने शेयर बाजार को दी जानकारी में बताया कि ये कथित वित्तीय अनियमितताएँ Paytm का हिस्सा बनने से पहले की गई थीं. हालांकि, अब इन कंपनियों के पेटीएम समूह में शामिल होने के बाद यह मामला उठाया गया है.

किन लोगों पर है आरोप?

बताते चले कि प्रवर्तन निदेशालय ने यह नोटिस सिर्फ Paytm को ही नहीं, बल्कि इसकी अनुषंगी कंपनियों LIPL और NIPL, साथ ही इनके वर्तमान और पूर्व निदेशकों और  अधिकारियों को भी जारी किया है. इससे मामला और भी गंभीर हो गया है क्योंकि इससे जुड़े कई वरिष्ठ अधिकारियों की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं.

क्या कह रही है Paytm?

वहीं Paytm ने इस मामले में अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा है कि कंपनी कानूनी सलाह ले रही है और सभी उपलब्ध नियामक प्रक्रियाओं के माध्यम से समाधान तलाश रही है. कंपनी का कहना है कि वह ईडी के साथ पूरा सहयोग कर रही है और मामले को जल्द सुलझाने की दिशा में काम कर रही है.

पेटीएम पर पहले भी लग चुके हैं आरोप

हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब Paytm कानूनी विवादों में फंसी हो. पहले भी कंपनी पर डेटा प्राइवेसी, वित्तीय अनियमितताओं और नियामक उल्लंघनों को लेकर कई सवाल उठाए जा चुके हैं. हाल ही में RBI ने भी Paytm पेमेंट्स बैंक पर कई पाबंदियां लगाई थीं, जिससे इसकी सेवाओं पर असर पड़ा था.

क्या होगा आगे?

अब सवाल यह उठता है कि क्या पेटीएम इस नोटिस के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ेगा या सरकार के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए मामला सुलझाएगा? यदि कंपनी इन आरोपों को गलत साबित नहीं कर पाई, तो उसे बड़ा आर्थिक नुकसान झेलना पड़ सकता है.

बहरहाल, Paytm के लिए यह मामला किसी बड़े झटके से कम नहीं है. पहले ही कंपनी नियामक दबाव और बाजार में घटती साख से जूझ रही है, और अब ED की यह कार्यवाही कंपनी की छवि पर और गहरा असर डाल सकती है. निवेशकों और ग्राहकों की नजरें अब इस पर टिकी हैं कि Paytm इस विवाद से कैसे बाहर निकलता है.