Sensex Crashes: शुक्रवार को सुबह भारतीय शेयर बाजार में बिकवाली का दबाव बढ़ गया. निफ्टी 50 इंडेक्स 22,433 पर नीचे की ओर खुला और ओपनिंग बेल के कुछ ही मिनटों के अंदर 22,249 के इंट्राडे लो को छू गया, जिससे 1.20 प्रतिशत से ज्यादा का इंट्राडे नुकसान दर्ज किया गया. बीएसई सेंसेक्स 74,201 पर खुला (जो काफी लो है) और 73,626 अंक के इंट्राडे लो को छू गया, जिससे सुबह के शुरुआती सेशन में लगभग 1000 अंकों का इंट्राडे नुकसान दर्ज किया गया. बैंक निफ्टी इंडेक्स भी 48,437 पर (कम पर) खुला और फ्रंटलाइन इंडेक्स ने 48,161 के इंट्राडे लो को छू गया, जिससे लगभग एक प्रतिशत का इंट्राडे नुकसान दर्ज किया गया.
शेयर बाजार के विशेषज्ञों के अनुसार, भारतीय शेयर बाजार में इन पांच महत्वपूर्ण कारणों से गिरावट आ रही है जिसमें भारतीय बैंकों की कमजोर आय, एमएससीआई में फेरबदल, डीआईआई उच्च स्तरों पर अटके रहना, यूएस बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी और एफआईआई का भारत से चीन की तरफ जाना.
1. भारतीय बैंकों की आय पर असर की चर्चा: ऐसा कहा जा रहा है कि भारतीय बैंकों की चौथी तिमाही की आय मार्केट अनुमान से कम रहने की उम्मीद है. शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार में बिकवाली तेज हो गई है, क्योंकि वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही की आय बेहद निराशाजनक रही है.
2. डीआईआई उच्च स्तरों पर अटके रहना: एफआईआई लगातार भारतीय बाजारों में बिकवाली कर रहे हैं. फिर भी, डीआईआई आगे नहीं आ रहे हैं. डीआईआई द्वारा एफआईआई की बिकवाली को चुनौती न देने का एक बड़ा कारण उच्च स्तरों पर उनकी स्थिति है. डीआईआई उच्च स्तरों पर अटके हुए हैं, इसलिए जब तक उन्हें मार्केट की क्लियर पिक्चर नहीं मिल जाती है वो खुद को फिर से स्थापित करने की जल्दी में नहीं हैं.
3. एमएससीआई में फेरबदल: आगामी एमएससीआई फेरबदल भी शुक्रवार को शेयर बाजार में गिरावट का एक कारण है. इस फेरबदल के बाद बिजनेस की मात्रा प्रभावित हो सकती है, साथ ही किसी स्पेशल स्टॉक में पैसे का इनफ्लो और आउटफ्लो भी प्रभावित हो सकता है. इसलिए, एमएससीआई फेरबदल से पहले डीआईआई और एफआईआई द्वारा अपनी स्थिति को फिर से बैलेंस करने की उम्मीद है.
4. यूएस बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी: एफआईआई लगातार भारतीय बाजार में अपनी स्थिति को बेहतर बनाने के लिए बेच रहे हैं क्योंकि उन्हें यूएस बॉन्ड बाजार में बेहतर रिटर्न मिल रहा है. इसलिए, वे संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएसए) के 47वें राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के शपथ ग्रहण के बाद अपना पैसा अमेरिकी बॉन्ड बाजार में लगा रहे हैं. उन्होंने कहा कि टैरिफ बढ़ने तक एफआईआई की बिकवाली शायद बंद न हो.
5. एफआईआई भारत से चीन में पैसा लगा रहे हैं: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में ट्रम्प की जीत के बाद, अमेरिकी बाजार बाकी दुनिया से भारी कैपिटल इनफ्लो को आकर्षित कर रहा है. हाल ही में, चीन पोर्टफोलियो प्रवाह के लिए एक प्रमुख गंतव्य के रूप में उभरा है.