Parliament Winter Session: लोकसभा ने मंगलवार (3 दिसंबर) को बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 पारित कर दिया, जिसके तहत बैंक खातों में अधिकतम 4 नॉमिनी रखने की अनुमति होगी. इस फैसले का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि खाताधारक या एफडी जमा करने वाले शख्स के उत्तराधिकारी बाहर न रहें, जैसा कि अक्सर होता है. बता दें कि, नया बिल जमाकर्ताओं को या तो एक साथ नामांकन का विकल्प चुनने की अनुमति देता है, जहां नॉमिनी को विशिष्ट प्रतिशत शेयर आवंटित किए जाते हैं.
दरअसल, लोकसभा में शीतकालीन सत्र के दौरान मोदी सरकार में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बिल को पेश किया. जिसको सभी एनडीए के सांसदों ने ध्वनिमत से मंजूरी दे दी.उन्होंने यह भी कहा कि 2014 से सरकार और आरबीआई अत्यंत सतर्क रहे हैं, ताकि बैंक स्थिर रहें. सीतारमण ने कहा, "हमारा उद्देश्य हमारे बैंकों को सुरक्षित, स्थिर और स्वस्थ रखना है और 10 सालों के बाद आप इसका परिणाम देख रहे हैं.
Since 2014 we have been extremely cautious, so that banks remain stable. The intension is to keep our banks safe, stable, healthy, and after 10 years you are seeing the outcome: FM @nsitharaman in #LokSabha @FinMinIndia @nsitharamanoffc pic.twitter.com/uTN27Q0YKz
— SansadTV (@sansad_tv) December 3, 2024
जानिए बिल के पास होने से क्या मिलेंगे फायदे?
बता दें कि, प्रस्तावित बिल का मकसद संविधान (सत्तानवेवें संशोधन) अधिनियम, 2011 के अनुरूप सहकारी बैंकों में निदेशकों (अध्यक्ष और पूर्णकालिक निदेशक को छोड़कर) का कार्यकाल 8 साल से बढ़ाकर 10 साल करना है. यदि यह विधेयक अधिनियमित हो जाता है तो केन्द्रीय सहकारी बैंकों के निदेशकों को राज्य सहकारी बैंकों के बोर्ड में कार्य करने का अधिकार मिल जाएगा.
बैंकिंग क्षेत्र में प्रशासन होगा मजबूत, ग्राहकों की बढ़ेगी सुविधा
इसके अलावा, यह बैंकों को वैधानिक लेखा परीक्षकों के पारिश्रमिक के तय करने में अधिक स्वायत्तता प्रदान करने का प्रयास करता है. इस विधेयक में विनियामक अनुपालन के लिए रिपोर्टिंग तिथियों को संशोधित करने का भी प्रस्ताव है. उन्हें वर्तमान दूसरे और चौथे शुक्रवार के स्थान पर हर महीनें की 15वीं और अंतिम तिथि पर ट्रांसफर करने का प्रस्ताव है. सीतारमण ने विधेयक को विचार एवं पारित करने के लिए पेश करते हुए कहा, "प्रस्तावित संशोधनों से बैंकिंग क्षेत्र में प्रशासन मजबूत होगा और निवेशकों के नामांकन एवं संरक्षण के संबंध में ग्राहक सुविधा बढ़ेगी.