Inflation Rate: मार्च महीने में खुदरा महंगाई दर घटकर 3.34 प्रतिशत पर आ गई है, जो बीते 67 महीनों में सबसे निचला स्तर पर है. फरवरी में यह दर 3.61 प्रतिशत थी. इस गिरावट ने आम लोगों को कुछ राहत जरूर दी है, जो लंबे समय से महंगाई की मार झेल रहे थे.
यह लगातार दूसरा महीना है जब खुदरा महंगाई दर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के 4 प्रतिशत के लक्ष्य से नीचे बनी रही. यह संकेत देता है कि कीमतों में स्थिरता आने लगी है और आर्थिक स्थिति में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है.
खाद्य महंगाई में भी आई कमी
खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर में भी उल्लेखनीय गिरावट देखने को मिली है. फरवरी में खाद्य महंगाई दर 3.75 प्रतिशत थी, जो मार्च में घटकर 2.69 प्रतिशत रह गई. इसका सीधा फायदा उपभोक्ताओं को मिला है क्योंकि रोजमर्रा की जरूरत की चीजें अब सस्ती होती दिख रही हैं.
वित्त वर्ष 2024-25 में कम रही औसत महंगाई
वित्त वर्ष 2024-25 के अंत में औसतन महंगाई दर 4.6 प्रतिशत रही, जबकि पिछले वित्त वर्ष यानी 2023-24 में यह 5.4 प्रतिशत थी. इससे यह स्पष्ट होता है कि इस साल महंगाई पर कुछ हद तक काबू पाया गया है.
RBI ने घटाया महंगाई का अनुमान
भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने आगामी समय के लिए महंगाई के अनुमान में भी कटौती की है. पहले जहां यह अनुमान 4.2 प्रतिशत था, अब इसे घटाकर 4 प्रतिशत कर दिया गया है. पहली तिमाही के लिए महंगाई अनुमान को 4.5 प्रतिशत से घटाकर 3.6 प्रतिशत अनुमानित किया गया है. वहीं, दूसरी तिमाही के लिए इसे 4 प्रतिशत से घटाकर 3.9 प्रतिशत किया गया है.
नीतिगत दर में भी की गई कटौती
महंगाई में गिरावट के चलते रिजर्व बैंक ने इस साल अप्रैल में लगातार दूसरी बार नीतिगत दर (policy rate) में कटौती की है. अब यह दर 6 प्रतिशत कर दी गई है, जिससे कर्ज लेना सस्ता हो सकता है और बाजार में मांग को प्रोत्साहन मिल सकता है.