भारत की प्रमुख लो-कॉस्ट एयरलाइन इंडिगो ने इस सप्ताह इतिहास रच दिया. कंपनी ने डेल्टा एयर लाइंस और रायनएयर जैसे वैश्विक दिग्गजों को पीछे छोड़ते हुए बाजार पूंजीकरण के आधार पर दुनिया की सबसे मूल्यवान एयरलाइन बनने का गौरव हासिल किया. इंडिगो का मार्केट कैप 2 लाख करोड़ रुपये (23.3 अरब डॉलर) से अधिक हो गया है.
शेयरों का शानदार प्रदर्शन
वित्तीय प्रदर्शन में उतार-चढ़ाव
इंडिगो की मूल कंपनी इंटरग्लोब एविएशन लिमिटेड ने वित्त वर्ष 25 की तीसरी तिमाही में 2,449 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया, जो पिछले साल की समान तिमाही के 2,998 करोड़ रुपये से 18% कम है. पिछले साल अक्टूबर-दिसंबर की तिमाही में प्रमुख त्योहारी सीजन के कारण मांग अधिक थी, जबकि इस साल ऐसा नहीं हुआ. हालांकि, कंपनी का राजस्व 14% बढ़कर 22,111 करोड़ रुपये हो गया, जो पिछले साल 19,452 करोड़ रुपये था. यह वृद्धि 12% अधिक उपलब्ध सीट किलोमीटर (ASK) और 13.5% की रेवेन्यू पैसेंजर किलोमीटर (RPK) से प्रेरित थी. लोड फैक्टर भी 1.2 प्रतिशत अंक सुधरकर 86.9% पर पहुंच गया.
भारत के लिए नया अवसर
इंडिगो की यह उपलब्धि न केवल कंपनी की मजबूती दर्शाती है, बल्कि भारत के उड्डयन क्षेत्र की बढ़ती ताकत को भी रेखांकित करती है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में विस्तार की योजना के साथ, इंडिगो भारतीय उड्डयन को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकती है.