menu-icon
India Daily

ट्रंप ने कर दिए भारतीय 'शराबियों' के मजे, अब सस्ते में मिलेगी विदेशी दारू

भारतीय शराब पीने वालों के लिए खुशखबरी है! भारत सरकार ने अमेरिकी शराब, खासकर बोरबॉन व्हिस्की और कुछ किस्मों की वाइन पर आयात शुल्क कम कर दिया है. इससे अब विदेशी दारू के शौकीनों को थोड़ी राहत मिलेगी.

auth-image
Edited By: Sagar Bhardwaj
 Indian Government reduced import duty on imported liquor

भारतीय शराब पीने वालों के लिए खुशखबरी है! भारत सरकार ने अमेरिकी शराब, खासकर बोरबॉन व्हिस्की और कुछ किस्मों की वाइन पर आयात शुल्क कम कर दिया है. इससे अब विदेशी दारू के शौकीनों को थोड़ी राहत मिलेगी.

कितना कम हुआ शुल्क?

बोरबॉन व्हिस्की पर आयात शुल्क 150% से घटाकर 100% कर दिया गया है. ताजे अंगूर, वरमाउथ और अन्य फर्मेंटेड पेय पदार्थों से बनी वाइन पर भी शुल्क घटाकर 100% कर दिया गया है. 80% शक्ति वाले अनएडल्टररेटेड एथिल अल्कोहल को भी शुल्क कटौती में शामिल किया गया है. बोरबॉन व्हिस्की के लिए, मूल सीमा शुल्क अब 50% निर्धारित किया गया है, साथ ही 50% का कृषि उपकर भी लगाया गया है.

कब से लागू हुआ?
ये संशोधित शुल्क गुरुवार को औपचारिक रूप से अधिसूचित किए गए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की मुलाकात से कुछ घंटे पहले, जहां टैरिफ पर प्रमुखता से चर्चा हुई.

ट्रंप की नाराजगी और भारत की रणनीति
ट्रम्प ने बार-बार भारत की टैरिफ नीतियों की आलोचना की है, उन्हें दुनिया में सबसे अधिक बताया है. मोदी से मिलने से पहले मीडिया से बातचीत में उन्होंने अमेरिकी उद्योगों की रक्षा के लिए "पारस्परिक टैरिफ" लगाने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया. शुल्क कटौती को अमेरिका के साथ व्यापार तनाव को कम करने के लिए भारत की व्यापक रणनीति के हिस्से के रूप में देखा जा रहा है, जबकि अन्य देशों की लंबे समय से चली आ रही चिंताओं को भी दूर किया जा रहा है.

अन्य व्यापार भागीदारों का क्या?
शराब पर भारत के उच्च टैरिफ ऑस्ट्रेलिया, यूके, यूरोपीय संघ और स्विट्जरलैंड सहित कई व्यापार भागीदारों के लिए एक विवादास्पद मुद्दा रहे हैं. हाल ही में शुल्क में कटौती ऑस्ट्रेलिया के साथ एक व्यापार समझौते के तहत ऑस्ट्रेलियाई वाइन पर इसी तरह की कटौती के बाद हुई है. यूके भी चल रही व्यापार वार्ता में स्कॉच व्हिस्की पर कम लेवी के लिए दबाव डाल रहा है, जबकि यूरोपीय संघ ने अपने सदस्य राज्यों में उत्पादित वाइन के लिए कटौती की मांग की है.

उपभोक्ताओं के लिए क्या मायने रखता है?
आयात शुल्क में कमी से भारतीय उपभोक्ताओं के लिए आयातित बोरबॉन व्हिस्की और प्रीमियम वाइन अधिक किफायती होने की संभावना है. हालांकि, कृषि उपकर लगाने से कीमतों में कमी की सीमा सीमित हो सकती है. जबकि यह कदम अंतरराष्ट्रीय स्पिरिट के उत्साही लोगों को लाभान्वित करता है, घरेलू निर्माताओं को प्रीमियम सेगमेंट में बढ़ती प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ सकता है.