India America Tariff Row: भारत 1 अप्रैल से गूगल और फेसबुक जैसी कंपनियों द्वारा ऑनलाइन विज्ञापनों पर लगाए गए 6 प्रतिशत समकक्ष लेवी (Equalisation Levy) को हटा देगा. यह कदम अमेरिका से संभावित प्रतिशोधी टैरिफ (tariffs) की आशंका के बीच उठाया जा रहा है. अमेरिका द्वारा भारत से आयातित सामानों पर टैरिफ लगाने की धमकी दी जा रही थी, जिससे भारत सरकार ने इस निर्णय को लिया है.
भारत सरकार का यह कदम क्यों महत्वपूर्ण है?
भारत सरकार ने यह कदम वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए वित्त विधेयक में किए गए संशोधनों के तहत उठाया है. इस संशोधन में गूगल और मेटा जैसी कंपनियों पर पहले लगाए गए 6 प्रतिशत लेवी को हटा दिया गया है. साथ ही, इन कंपनियों को दी गई कर छूट को भी खत्म करने का प्रस्ताव किया गया है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम व्यापारिक रिश्तों को सुधारने और अमेरिका के साथ चल रही व्यापारिक वार्ता में मददगार हो सकता है.
अमेरिका का दबाव और गूगल-मेटा पर असर
यह निर्णय खासतौर पर अमेरिका की ओर से किए गए विरोध और धमकियों के बाद लिया गया है. ट्रंप प्रशासन के दौरान, अमेरिका ने भारत द्वारा लगाए गए समकक्ष लेवी पर कड़ी आपत्ति जताई थी. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस मुद्दे को लेकर वैश्विक कर समझौते से भी हाथ खींच लिया था. इसके बाद से अमेरिका ने भारत को चेतावनी दी थी कि यदि भारत ने यह लेवी खत्म नहीं की, तो अमेरिका भारतीय उत्पादों पर टैरिफ लगा सकता है.
क्या यह कदम व्यापार संबंधों को सुधारने में मदद करेगा?
इस निर्णय से यह संभावना जताई जा रही है कि भारत और अमेरिका के व्यापारिक रिश्ते बेहतर हो सकते हैं. अमेरिका के साथ जारी व्यापार वार्ता के संदर्भ में, यह कदम दोनों देशों के बीच तनाव को कम कर सकता है और व्यापारिक रिश्तों को सामान्य बना सकता है.