India Trade: भारत को मार्च 2025 में व्यापार के मोर्चे पर बड़ा झटका लगा है. वाणिज्य मंत्रालय द्वारा जारी प्रारंभिक आंकड़ों के अनुसार, देश का व्यापार घाटा मार्च में बढ़कर 21.54 अरब डॉलर पहुंच गया, जो फरवरी में 14.05 अरब डॉलर था. वित्त वर्ष 2024-25 में भारत का वस्तु निर्यात लगभग स्थिर रहा. कुल निर्यात 437.42 अरब डॉलर रहा, जो पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में 437.07 अरब डॉलर था. हालांकि, वाणिज्य मंत्रालय ने कुछ खास क्षेत्रों में अच्छी बढ़त की ओर इशारा किया है.
इस बढ़ते घाटे की प्रमुख वजह आयात में तेज़ वृद्धि रही. मार्च महीने में भारत का कुल माल आयात 11.4 प्रतिशत बढ़कर 63.51 अरब डॉलर हो गया. इसके मुकाबले, निर्यात लगभग स्थिर रहा और यह 41.97 अरब डॉलर के स्तर पर दर्ज किया गया.
पिछले साल की तुलना में भी नुकसान ज्यादा
अगर साल-दर-साल तुलना की जाए तो मार्च 2024 में व्यापार घाटा 15.34 अरब डॉलर था, जबकि इस साल मार्च में यह आंकड़ा 21.54 अरब डॉलर तक पहुंच गया है. इससे साफ है कि देश का व्यापार संतुलन लगातार बिगड़ रहा है.
निर्यात नहीं बढ़ा, पर आयात ने बढ़ाया भार
जहां निर्यात में कोई खास बढ़ोतरी देखने को नहीं मिली, वहीं आयात में हुई वृद्धि से देश के विदेशी मुद्रा भंडार पर भी दबाव बना है. खास तौर पर कच्चे तेल, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और सोने के आयात ने घाटे को बढ़ावा दिया है.
सरकार के लिए चुनौतीपूर्ण समय
तेजी से बढ़ता व्यापार घाटा सरकार के लिए चिंता का विषय बन गया है. विशेषज्ञों का मानना है कि निर्यात को प्रोत्साहित करने और अनावश्यक आयात पर नियंत्रण लगाने की दिशा में ठोस कदम उठाने की जरूरत है.