भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) की बातचीत से भारत को ट्रम्प प्रशासन के नए टैरिफ से घरेलू अर्थव्यवस्था को बचाने में पहली बढ़त मिलेगी. 5 अप्रैल को एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, "हम एकमात्र देश हैं, जिसके साथ अमेरिका व्यापार समझौते पर बात कर रहा है. टैरिफ अभी बढ़ सकते हैं, लेकिन बाद में कम होंगे. यह समझौता तभी होगा, जब दोनों देशों को आपसी लाभ मिले."
'मिशन 500' का लक्ष्य
ट्रम्प के टैरिफ और भारत की रणनीति
ट्रम्प ने भारतीय सामानों पर 26% का पारस्परिक टैरिफ लगाया है, लेकिन अधिकारी ने बताया कि भारत कार्यकारी आदेश की धारा 4सी के तहत छूट की बातचीत कर सकता है. धारा 4सी कहती है, "यदि कोई व्यापारिक साझेदार गैर-पारस्परिक व्यापार को ठीक करने के लिए कदम उठाता है और आर्थिक व राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों में अमेरिका के साथ तालमेल बिठाता है, तो मैं इस आदेश के तहत टैरिफ को कम या सीमित कर सकता हूं." अधिकारी ने कहा कि अमेरिका के इस कदम से वैश्विक व्यापार में हलचल मची, लेकिन भारत एशियाई देशों में विजेता बनकर उभरा.
वैश्विक रुचि और भारत
अधिकारी ने बताया, "अमेरिका के टैरिफ कदम के बाद कई देश भारत के साथ व्यापार समझौतों के लिए संपर्क कर रहे हैं." भारत सात देशों और समूहों, जैसे यूरोपीय संघ, ब्रिटेन और न्यूजीलैंड के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर बातचीत कर रहा है. बहरीन, कतर और खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) ने भी रुचि दिखाई है.
निर्यातकों के साथ संवाद
अधिकारी ने कहा, "हम निर्यातकों से संपर्क में हैं और जरूरत पड़ने पर मदद करेंगे. ऊर्जा कीमतें कम रहने से अमेरिका में मांग पर बड़ा असर नहीं होगा."