Share Market: भारत के चार सबसे अमीर लोगों, मुकेश अंबानी, गौतम अडाणी, सवित्री जिंदल और परिवार, और शिव नादर ने हाल ही में एक बड़े आर्थिक संकट का सामना किया. इसके पीछे का मुख्य कारण था अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बढ़ती टैरिफ नीतियां, जिन्होंने भारतीय बाजारों को प्रभावित किया और इन अरबपतियों की संपत्ति में भारी गिरावट आई. आइए जानते हैं कि कैसे इन टैरिफ नीतियों ने भारत के शीर्ष व्यापारियों की संपत्ति को प्रभावित किया.
सोमवार को, भारतीय स्टॉक मार्केट में आई गिरावट ने इन अरबपतियों की संपत्ति में $10.3 बिलियन (लगभग 76,000 करोड़ रुपये) की कमी कर दी. फोर्ब्स के रीयल-टाइम बिलियनेयर ट्रैकर के अनुसार, मुकेश अंबानी, गौतम अडानी, सवित्री जिंदल और शिव नादर की संपत्ति में एक साथ यह भारी गिरावट आई.
मुकेश अंबानी की संपत्ति में आई 3.6 बिलियन डॉलर की कमी
भारत के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी की संपत्ति में $3.6 बिलियन की गिरावट आई, और उनकी कुल संपत्ति $87.7 बिलियन तक पहुँच गई. अंबानी की प्रमुख कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज ने भी इस गिरावट का सामना किया, जो कि मुख्य रूप से अमेरिकी व्यापार नीतियों और वैश्विक आर्थिक संकट के कारण हुआ.
गौतम अडाणी की संपत्ति में 3 बिलियन डॉलर की कमी
भारत के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति गौतम अडानी की संपत्ति में $3 बिलियन की कमी आई, और उनकी कुल संपत्ति $57.3 बिलियन रह गई. अडानी समूह की कई कंपनियाँ, विशेष रूप से जो ट्रांसपोर्टेशन और ऊर्जा क्षेत्र में हैं, इस गिरावट से प्रभावित हुईं.
सवित्री जिंदल और परिवार की संपत्ति में 2.2 बिलियन डॉलर की कमी
तीसरे स्थान पर स्थित सवित्री जिंदल और उनके परिवार की संपत्ति में $2.2 बिलियन की कमी आई. इस गिरावट के बाद उनकी कुल संपत्ति $33.9 बिलियन रह गई. जिंदल परिवार की कंपनियाँ स्टील और ऊर्जा क्षेत्रों में कार्यरत हैं, जो वैश्विक बाजार के दबाव के कारण प्रभावित हुईं.
शिव नादर की संपत्ति में 1.5 बिलियन डॉलर की कमी
भारत के चौथे सबसे अमीर व्यक्ति शिव नादर की संपत्ति में भी $1.5 बिलियन की कमी आई, जिससे उनकी कुल संपत्ति $30.9 बिलियन रह गई. नादर की कंपनी, HCL Technologies, एक प्रमुख आईटी कंपनी है, जो वैश्विक बाजार की गिरावट से प्रभावित हुई.
भारतीय बाजार पर कम असर
हालाँकि, विशेषज्ञों का मानना है कि भारत को इस आर्थिक संकट से उतना नुकसान नहीं होगा जितना दूसरे देशों को हुआ है. जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार, डॉ. वी. के. विजयकुमार ने कहा, "भारत का निर्यात अमेरिकी जीडीपी के अनुपात में केवल 2% है, जिससे भारत की आर्थिक वृद्धि पर इसका असर कम होगा."
उन्होंने यह भी कहा कि भारत अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौता करने के प्रयास में है, और इससे भारतीय व्यापार के लिए टैरिफ में कमी हो सकती है.
वैश्विक स्तर पर आर्थिक गिरावट
दुनिया भर के अरबपतियों की संपत्ति में गिरावट हो रही थी, तब वॉरेन बफेट ने इस संकट में भी अपनी संपत्ति में वृद्धि की. बफेट की संपत्ति $155 बिलियन तक पहुंच गई, जो कि $12.7 बिलियन का इजाफा था. इसके विपरीत, एलेक्जेंडर मस्क, जेफ बेजोस, मार्क जुकरबर्ग और बर्नार्ड अरनॉल्ट जैसे अरबपतियों की संपत्ति में भारी गिरावट आई.