Income Tax Bill 2025: डिजिटल गोपनीयता पर मंडराता खतरा, सोशल मीडिया पर सरकारी नियंत्रण, नए आयकर विधेयक पर क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?
प्रस्तावित आयकर विधेयक, 2025 में सरकार को तलाशी और जब्ती के मौजूदा अधिकारों के तहत एक नया अधिकार देने का प्रस्ताव रखा गया है, जिससे डिजिटल गोपनीयता को लेकर चिंताएं बढ़ गई है.
Income Tax Bill 2025: प्रस्तावित आयकर विधेयक, 2025 में सरकार को तलाशी और जब्ती के मौजूदा अधिकारों के तहत एक नया अधिकार देने का प्रस्ताव रखा गया है, जिससे डिजिटल गोपनीयता को लेकर चिंताएं बढ़ गई है.
यह विधेयक कर अधिकारियों को सोशल मीडिया, ईमेल सेवाओं और यहां तक कि व्हाट्सएप जैसे एन्क्रिप्टेड प्लेटफार्मों तक पहुंच प्राप्त करने की शक्ति दे सकता है. इसके तहत उपयोगकर्ताओं के डिजिटल संचार के लिए सेट किए गए पासवर्ड या एक्सेस नियंत्रणों को "ओवरराइड" करने की अनुमति दी गई है.
क्या कहती है सरकार?
सरकार का दावा है कि आयकर विधेयक 2025 में तलाशी और जब्ती से जुड़े प्रावधानों में कोई बड़ा बदलाव नहीं किया गया है, बल्कि भाषा को सरल और स्पष्ट किया गया है. हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि विधेयक में एक महत्वपूर्ण बदलाव शामिल किया गया है, जो कर अधिकारियों को किसी भी व्यक्ति के फोन या लैपटॉप पर मौजूद एक्सेस कोड को ओवरराइड करने की अनुमति देता है.
क्या है आयकर अधिकारियों की नई शक्ति?
मौजूदा आयकर अधिनियम कर अधिकारियों को किसी परिसर में प्रवेश करने, तलाशी लेने और जबरन ताले खोलने की शक्ति प्रदान करता है, अगर कोई व्यक्ति आधिकारिक सम्मन के बावजूद आवश्यक वित्तीय दस्तावेज प्रस्तुत करने में असफल रहता है. यह कानून अधिकारियों को इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड की जांच करने की अनुमति भी देता है.
प्रस्तावित विधेयक इन प्रावधानों को बनाए रखते हुए, कर अधिकारियों को "वर्चुअल डिजिटल स्पेस" तक पहुंच की शक्ति प्रदान करता है. इसका मतलब है कि अब वे किसी भी कंप्यूटर सिस्टम, ऑनलाइन बैंकिंग खातों, सोशल मीडिया प्रोफाइल और क्लाउड सर्वर जैसी डिजिटल संपत्तियों तक पहुंच प्राप्त कर सकते हैं, भले ही वे पासवर्ड-प्रोटेक्टेड हों.
डिजिटल प्लेटफॉर्म और डेटा की निगरानी
विधेयक के तहत "वर्चुअल डिजिटल स्पेस" को एक व्यापक डिजिटल वातावरण के रूप में परिभाषित किया गया है, जिसमें शामिल हैं:
- ईमेल सर्वर और सोशल मीडिया अकाउंट्स
- ऑनलाइन निवेश, ट्रेडिंग और बैंकिंग खाते
- रिमोट सर्वर, क्लाउड स्टोरेज और डिजिटल प्लेटफॉर्म
- संपत्ति स्वामित्व से जुड़ी वेबसाइटें
- गोपनीयता की स्वतंत्रता पर सवाल
अगर संसद की प्रवर समिति इस विधेयक को स्वीकृति देती है, तो कर अधिकारी डिजिटल डेटा तक पहुंचने के लिए पासवर्ड क्रैकिंग सॉफ़्टवेयर का उपयोग कर सकते हैं या संबंधित सेवा प्रदाताओं से उपयोगकर्ता की लॉग-इन जानकारी मांग सकते हैं. एक वरिष्ठ कर विशेषज्ञ ने गोपनीयता उल्लंघन पर चिंता जताते हुए कहा,
"इस प्रावधान के कारण, ऐप्पल जैसी टेक कंपनियों को भी उपयोगकर्ताओं के डिवाइस एक्सेस करने में कर अधिकारियों की सहायता करनी पड़ सकती है."