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Bugdet 2025: इधर बजट का ऐलान, उधर धड़ाम हो गए RVNL, Ircon समेत तमाम रेलवे स्टॉक्स, जानें क्यों?

आज वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण लोकसभा में सालाना बजट पेश कर रही हैं. बजट की घोषणा होते ही तमाम रेलवे स्टॉक्स में जबरदस्त गिरावट देखने को मिली, रेलवे स्टॉक्स में इतनी जबरदस्त गिरावट क्यों आई, आइए जानते हैं...

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Edited By: Sagar Bhardwaj
huge decline in all railway stocks including RVNL, IRCON, as budget announced know why
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Budget 2025: केंद्रीय बजट 2024-25 की घोषणा के बाद रेलवे से जुड़े शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली.  जिन शेयरों में पिछले कुछ दिनों से उछाल दिख रहा था, बजट में रेलवे के लिए पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) में उम्मीद के मुताबिक बढ़ोतरी न होने के कारण वे धराशायी हो गए.  RVNL, Ircon, Texmaco, IRFC, Tiatagarh Rail और Jupiter Wagons जैसे प्रमुख रेलवे स्टॉक्स में 5 से 9 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई.

क्यों गिरी रेलवे स्टॉक्स?

दरअसल, बाजार को उम्मीद थी कि इस बार के बजट में रेलवे के कैपेक्स में बड़ी वृद्धि की जाएगी.  पिछले कुछ दिनों में रेलवे स्टॉक्स में जो तेजी देखने को मिल रही थी, उसकी वजह भी यही उम्मीद थी. लेकिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में रेलवे के लिए कैपेक्स को लगभग पिछले साल के बराबर ही रखा. बजट दस्तावेजों के अनुसार, रेलवे का कुल कैपेक्स 2.5 लाख करोड़ रुपये ही है, जो लगभग पिछले साल जितना ही है.  इसीलिए RVNL, Ircon जैसे शेयरों में बड़ी गिरावट देखने को मिली.  RVNL, जो कैपेक्स में बढ़ोतरी का सबसे बड़ा लाभार्थी होता, सबसे ज्यादा यानी 9% तक गिरा.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?
जानकारों का मानना है कि सरकार का इंफ्रास्ट्रक्चर और कैपेक्स पर ध्यान अब शायद कम हो रहा है.  राजनीतिक मजबूरियों और मुफ्त की योजनाओं के चलते इस बार बजट में इस क्षेत्र को उतनी प्राथमिकता नहीं दी गई है.  SAMCO सिक्योरिटीज के हेड ऑफ मार्केट पर्सपेक्टिव एंड रिसर्च, अपूर्वा शेठ का कहना है कि इस मामूली सी वृद्धि के साथ रेलवे, डिफेंस, इंफ्रास्ट्रक्चर और इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्रों पर असर पड़ सकता है. दूसरी ओर, FMCG, ऑटो और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स जैसे सेक्टरों में तेजी देखने को मिल सकती है.

कुल कैपेक्स में भी मामूली वृद्धि
सरकार के कुल कैपेक्स परिव्यय में भी उम्मीद से बहुत कम वृद्धि हुई है. पिछले वित्तीय वर्ष में यह 11.11 लाख करोड़ रुपये था, जो इस बार बढ़कर 11.2 लाख करोड़ रुपये हुआ है.  यह वृद्धि भी बाजार की उम्मीदों से काफी कम है.

बजट का मिलाजुला असर
विश्लेषकों का मानना है कि यह बजट खपत को बढ़ावा देने (व्यक्तिगत आयकर लाभ के माध्यम से) और कैपेक्स को मध्यम रखने का एक मिलाजुला प्रयास है, जिसमें राजकोषीय विवेक को विकास पर प्राथमिकता दी गई है. नुवामा कैपिटल मार्केट्स के प्रेसिडेंट एंड हेड, शिव सहगल का कहना है कि इस बजट में राजकोषीय विवेक और अर्थव्यवस्था में मांग को समर्थन देने के प्रतिस्पर्धी उद्देश्यों के बीच संतुलन साधने की कोशिश की गई है. बाजार के नजरिए से, मध्यम वर्ग के लिए टैक्स में कटौती खपत-उन्मुख क्षेत्रों के लिए अच्छी है, हालांकि कैपेक्स समर्थन इस बार थोड़ा मध्यम रहा है.