जीरोधा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) नितिन कामथ ने पर्सनल फाइनेंस की यात्रा शुरू करने वालों के लिए एक अहम सलाह दी है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर 11 मार्च को लिखा कि जीवन बीमा (लाइफ इंश्योरेंस) और स्वास्थ्य बीमा (हेल्थ इंश्योरेंस) खरीदना इस यात्रा का पहला और सबसे जरूरी कदम है.
कामथ ने कहा, "अगर आप पर्सनल फाइनेंस की शुरुआत कर रहे हैं, तो सबसे पहले यह सुनिश्चित करें कि आपके पास पर्याप्त जीवन और स्वास्थ्य बीमा है. अगर आपके आश्रित हैं, तो जीवन बीमा न लेना एक गलत फैसला हो सकता है."
उन्होंने लोगों से बातचीत के आधार पर यह भी बताया कि बीमा न खरीदने की सबसे बड़ी वजह पॉलिसी में हिडिन जटिल टर्म्स एंड कंडीशंस हैं. उन्होंने कहा, "बीमा कंपनियां नियमों में बार-बार बदलाव करती रहती हैं. मुझे भी नहीं पता था कि अंडरराइटिंग नियम इतने सख्त हो गए हैं और अस्वीकृति के मामले बढ़ गए हैं.''
बीमा खरीदने से पहले जानें ये 7 जरूरी बातें
नितिन कामथ ने जीरोधा के एक ब्लॉग का हवाला देते हुए टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने से पहले सात अहम बातों पर ध्यान देने की सलाह दी. आइए इन पर नजर डालते हैं:
सही बीमा कंपनी का चयन
टर्म इंश्योरेंस लेने से पहले सही बीमा कंपनी चुनना जरूरी है. जीरोधा ब्लॉग के अनुसार, कुछ कंपनियां अपनी पॉलिसियों में बेहतर मूल्य दे रही हैं, जबकि कुछ अब भी पुराने और बुनियादी ऑफर पर टिकी हैं. कंपनी चुनते वक्त उसका क्लेम सेटलमेंट रेशियो 97% से ज्यादा, सॉल्वेंसी रेशियो 2 के करीब और सालाना प्रीमियम आय कम से कम 5,000 करोड़ रुपये होनी चाहिए.
गंभीर बीमारी के लाभ
गंभीर बीमारी से जुड़े लाभ किसी भी बीमा पॉलिसी का अहम हिस्सा हैं. भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) के नियमों के बाद कई कंपनियों ने इन लाभों को पूरे पॉलिसी अवधि की जगह सीमित सालों तक देना शुरू कर दिया है. इससे कीमतों में भी थोड़ी बढ़ोतरी हुई है.
क्लेम गारंटी की सुविधा
रिपोर्ट के मुताबिक, केवल एक बीमा कंपनी चुनिंदा ग्राहकों के लिए क्लेम गारंटी वाली टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी देती है. इसकी प्रीमियम अन्य पॉलिसियों से ज्यादा होती है. अगर कोई पहले से स्वास्थ्य समस्या है, तो आवेदन खारिज हो सकता है, लेकिन स्वीकृति के बाद हर हाल में क्लेम मिलने की गारंटी होती है.
तुरंत क्लेम भुगतान
तुरंत क्लेम भुगतान सुविधा पॉलिसी चुनते वक्त एक अच्छा पहलू है, क्योंकि यह लंबे इंतजार की समस्या को कम करता है. डिट्टो डेटा के अनुसार, पहले तीन साल में क्लेम करने पर प्रक्रिया में तीन महीने से ज्यादा लग सकते हैं, ताकि धोखाधड़ी की जांच हो सके. लेकिन तीन साल बाद क्लेम एक-दो हफ्ते में निपट जाते हैं. तुरंत क्लेम भुगतान विकल्प ग्राहकों को इंतजार के दौरान शुरुआती राशि देता है.
अंडरराइटिंग नियम
अंडरराइटिंग प्रक्रिया में बीमा कंपनी किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य रिकॉर्ड और मेडिकल प्रश्नावली के जरिए जोखिम का आकलन करती है. जीरोधा ब्लॉग के मुताबिक, बीमा कंपनियां अब ज्यादा सतर्क हो गई हैं, जिससे पॉलिसी अस्वीकृति, गहन जांच और प्रीमियम बढ़ाने या कवरेज घटाने के प्रस्ताव बढ़ गए हैं. डिट्टो का मानना है कि यह रुझान 2025 तक जारी रहेगा.
जीरो-कॉस्ट टर्म पॉलिसी
कोविड-19 महामारी के बाद जीरो-कॉस्ट टर्म पॉलिसी लोकप्रिय हुई हैं. इसमें नियमित प्रीमियम भुगतान होता है, लेकिन अगर पॉलिसीधारक तय समय में पॉलिसी सरेंडर करता है, तो सारा प्रीमियम वापस मिल जाता है. हालांकि, इसके लिए सख्त शर्तें हैं, जैसे कम उम्र और लंबी अवधि का चयन.
विवाहित महिला संपत्ति अधिनियम (MWP एक्ट)
टर्म इंश्योरेंस को लेकर जागरूकता बढ़ने से MWP एक्ट पर भी ध्यान गया है. यह अधिनियम विवाहित पुरुषों को अपनी पत्नी और बच्चों को वित्तीय सुरक्षा देने में मदद करता है, ताकि पति की मृत्यु के बाद लेनदार संपत्ति पर दावा न कर सकें. धारा 6 पुरुषों को लाभार्थी नियुक्त करने और धारा 5 महिलाओं को स्वतंत्र रूप से बीमा लेने की सुविधा देती है.
Disclaimer: यह नितिन कामथ के अपने विचार हैं. बीमा खरीदते समय आप इन विचारों को मानने के लिए किसी प्रकार से बाध्य नहीं हैं.