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India Daily

इतिहास का सबसे बड़ा लॉस, 593 अरब डॉलर घटा इस कंपनी का मार्केट कैप

Nvidia Market Cap Loss: चिपमेकिंग कंपनी Nvidia के शेयरों में 17% की गिरावट आई, जिससे कंपनी का मार्केट कैप लगभग 593 अरब डॉलर घट गया, जो कि हिस्ट्री में सबसे बड़ी मार्केट कैप लॉस है, जानें ऐसा क्यों हुआ.

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Edited By: Shilpa Srivastava
Nvidia Market Cap Loss

Nvidia Market Cap Loss: दुनिया में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को लेकर एक बड़ी जंग छिड़ी हुई है, और हाल ही में चीन ने इस जंग में एक बड़ा धमाका किया है. चीन के AI स्टार्टअप DeepSeek-R1 ने एक सस्ता AI मॉडल पेश किया है, जिसने अमेरिका के शेयर बाजार में हलचल मचा दी. सोमवार को चिप बनाने वाली अमेरिका की बड़ी कंपनी Nvidia Corp के शेयरों में इतनी बड़ी गिरावट आई कि उसकी मार्केट वैल्यू में 600 बिलियन डॉलर की कमी हो गई. यह Nvidia के इतिहास में सबसे बड़ी गिरावट है और इसने दुनियाभर की टेक कंपनियों को हैरान कर दिया.

मंगलवार को इस चाइनीज AI स्टार्टअप के संभावित डेवलपमेंट के बाद अमेरिकी दबदबे और खर्च पर सवाल उठे, जिससे बाजार में हड़कंप मच गया. चिपमेकिंग कंपनी Nvidia के शेयरों में 17% की गिरावट आई, जिससे कंपनी का मार्केट कैप लगभग 593 अरब डॉलर घट गया, जो कि हिस्ट्री में सबसे बड़ी मार्केट कैप लॉस है.

Nvidia की मार्केट वैल्यू में ऐतिहासिक गिरावट: 

Nvidia Corp, जो AI के क्षेत्र में सबसे अग्रणी कंपनी मानी जाती है, के शेयर सोमवार को इतनी बड़ी गिरावट का शिकार हुए कि उसकी मार्केट वैल्यू में 465 बिलियन डॉलर की कमी आई. इस गिरावट का मुख्य कारण चीन के DeepSeek AI मॉडल को माना जा रहा है. DeepSeek ने एक सस्ता AI मॉडल पेश किया है, जो कम कीमत पर अधिक सक्षम है और इसने अमेरिका की प्रमुख AI कंपनियों को कड़ी चुनौती दी है.

Nvidia और अन्य कंपनियों के लिए चुनौती: 

DeepSeek के आने के बाद अब बड़ी कंपनियों जैसे Nvidia के लिए सस्ते और प्रभावी AI मॉडल्स से मुकाबला करना मुश्किल हो सकता है. Nvidia ने अमेरिका में चीन को एडवांस चिप्स की सप्लाई पर बैन लगा दिया था, लेकिन अब DeepSeek ने सस्ते मॉडल के जरिए इस संकट को और बढ़ा दिया है. इससे Nvidia जैसी कंपनियों के लिए अपने मॉडल की कीमतें घटाना और नई तकनीक पेश करना चुनौतीपूर्ण हो गया है.

इस मामले ने टेक इंडस्ट्री में एक नई दिशा दिखाई है, जहां अब चीन का सस्ता और प्रभावी AI मॉडल अमेरिका के AI दिग्गजों को चुनौती दे रहा है. भारत में भी AI संचालित डेटा सेंटर पर काम चल रहा है, जो इस क्षेत्र में आने वाली चुनौतियों के लिए तैयार हो सकता है.