'बेरोजगार युवाओं को अमीरों के लिए...', पीयूष गोयल ने की चीन की तारीफ, कहा- भारत में पैदा हो रहीं सस्ती नौकरियां
उन्होंने तंज कसते हुए कहा, "आज भारत के स्टार्टअप क्या हैं? हम फूड डिलीवरी ऐप्स पर ध्यान दे रहे हैं, बेरोजगार युवाओं को सस्ता श्रम बना रहे हैं ताकि अमीर अपने घर से बाहर निकले बिना खाना मंगा सकें." इसके विपरीत, उन्होंने चीनी स्टार्टअप्स की तारीफ की, "चीनी स्टार्टअप्स इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, बैटरी तकनीक पर काम करते हैं और आज वे इलेक्ट्रिक मोबिलिटी इकोसिस्टम पर हावी हैं."

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भारतीय स्टार्टअप्स की दिशा पर तीखे सवाल उठाए और पूछा कि क्या भारत कम वेतन वाली गिग नौकरियों से संतुष्ट हो रहा है, जबकि चीन डीप-टेक नवाचार में तेजी से आगे बढ़ रहा है.
स्टार्टअप महाकुंभ में कड़ा सवाल
3 अप्रैल 2025 को नई दिल्ली में स्टार्टअप महाकुंभ के दौरान गोयल ने कहा, "क्या हमारा लक्ष्य यही होना चाहिए, या हम डिलीवरी बॉय और गर्ल बनकर खुश रहने वाले हैं?" उन्होंने एक स्लाइड के जरिए भारत और चीन के स्टार्टअप इकोसिस्टम की तुलना की. गोयल ने दोनों देशों के बीच अंतर को रेखांकित करते हुए कहा कि भारत का स्टार्टअप क्षेत्र फूड डिलीवरी और गिग वर्क पर केंद्रित है.
भारत बनाम चीन की राह
उन्होंने तंज कसते हुए कहा, "आज भारत के स्टार्टअप क्या हैं? हम फूड डिलीवरी ऐप्स पर ध्यान दे रहे हैं, बेरोजगार युवाओं को सस्ता श्रम बना रहे हैं ताकि अमीर अपने घर से बाहर निकले बिना खाना मंगा सकें." इसके विपरीत, उन्होंने चीनी स्टार्टअप्स की तारीफ की, "चीनी स्टार्टअप्स इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, बैटरी तकनीक पर काम करते हैं और आज वे इलेक्ट्रिक मोबिलिटी इकोसिस्टम पर हावी हैं."
डीप-टेक की कमी चिंताजनक
गोयल ने माना कि भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम है, लेकिन केवल स्केल काफी नहीं है. उन्होंने कहा, "हमें भारत के काम पर गर्व है, लेकिन क्या हम अभी दुनिया में सर्वश्रेष्ठ हैं? नहीं." डीप-टेक स्टार्टअप्स की कमी को चिंताजनक बताते हुए उन्होंने कहा, "भारत में केवल 1,000 डीप-टेक स्टार्टअप्स का होना परेशान करने वाली स्थिति है."
वैश्विक नेतृत्व की अपील
उन्होंने उद्यमियों से सवाल किया, "क्या हमें सिर्फ दुकानदारी करनी है या वैश्विक स्तर पर अपनी छाप छोड़नी है?" गोयल ने ई-कॉमर्स और सेवाओं से आगे बढ़कर नवाचार पर ध्यान देने और वैश्विक तकनीकी नेतृत्व की दिशा में काम करने का आह्वान किया.