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India Daily

नया इनकम टैक्स कानून कब से होगा लागू, सरकार ने कैसे किया तैयार, क्या हुए बड़े बदलाव, कितना होगा फायदा?

31 जनवरी को बजट सत्र की शुरूआत हो चुकी है. जिसके बाद 13 फरवरी को नए आयकर अधिनियम में बदलाव को लेकर नया विधेयक पेश होना है. यह विधेयक छह दशक पुराने आयकर नियमों में कई बदलाव लाने वाला है. जिसे लेकर उम्मीद की जा रही है कि अप्रैल 2026 में प्रभावी रूप से लागू हो जाएगा.

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Edited By: Shanu Sharma
New Income Tax Bill 2025

New Income Tax Bill 2025: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट सत्र शुरू होने के अगले दिन संसद में बजट पेश किया. उससे पहले 31 जनवरी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपना अभिभाषण दिया था. वहीं मंगलवार को भारत सरकार ने आयकर अधिनियम, 1961 को प्रतिस्थापित करने के लिए नए आयकर अधिनियम 2025 को बजट सत्र के दौरान संसद में पेश किया है. इस विधेयक को अप्रैल 2026 तक लागू किए जाने की संभावना है.  

सरकार द्वारा पेश किए जा रहे इस नए विधेयक में कई बदलाव किए गए हैं. जिसका सीधा असर करदाताओं पर पड़ने वाला है. इस विधेयक के मुताबिक 'पिछले वर्ष' की जगह 'कर वर्ष' का इस्तेमाल किया जाएगा.  नए आयकर अधिनियम में 'पिछले वर्ष' (Previous Year) शब्द को 'कर वर्ष' (Tax Year) से बदला गया है. साथ ही आकलन वर्ष की अवधारणा समाप्त कर दी गई है.  

भारत सरकार के इस नए विधेयक को  536 धाराओं, 16 अनुसूचियों और 23 अध्यायों में विभाजित किया गया है. वहीं नए कानून में व्यक्तिगत करदाताओं के लिए नई कर व्यवस्था को प्राथमिकता दी गई है. नए अधिनियम के मुताबिक वेतन शीर्षक के अंतर्गत देय आय की गणना नीचे उल्लिखित प्रकृति की कटौती करने के बाद, निर्दिष्ट सीमा तक की जाएगी.

कितने इनकम पर कितना टैक्स?

संविधान के अनुच्छेद 276(2) के अनुसार रोजगार कर के रूप में भुगतान की गई राशि पूरी तरह से कर कटौती योग्य होगी. पुरानी कर व्यवस्था के तहत कर्मचारियों को ₹50,000 या वेतन (जो भी कम हो), तक मानक कटौती मिलेगी. व्यक्तिगत करदाताओं के लिए आयकर दरें इस प्रकार होंगी. चार लाख तक कोई कर नहीं लगाया जाएगा. वहीं चार लाख से आठ लाख पर 5% है. आठ से बारह लाख तक पर कर की दर 10% है. 12 लाख से 16 लाख तक कर की दर 15% है. वहीं 16 से 20 लाख तक 20% टैक्स, 20 से 24 लाख तक 25 प्रतिशत टैक्स  और 24 से ऊपर वालों को 30 प्रतिशत टैक्स दर है. 

इसपर भी बदला नियम 

नई कर व्यवस्था में गृह संपत्ति और पूंजीगत लाभ से होने वाली आय पर कोई अतिरिक्त छूट नहीं दी गई है. नए विधेयक के अनुसार यदि कर वर्ष में कोई पूंजीगत संपत्ति बेची जाती है तो उस पर पूंजीगत लाभ कर लगेगा. धारा 82-89 के तहत पूंजीगत परिसंपत्तियों के हस्तांतरण से प्राप्त आय को उसी कर वर्ष की आय माना जाएगा जिसमें हस्तांतरण हुआ हो. इसके अलावा केंद्र सरकार, राज्य सरकार, सशस्त्र बलों और सरकारी सेवाओं के तहत प्राप्त पेंशन पूरी तरह कर मुक्त होगी. नए विधेयक के साथ सरकार की योजना कर अनुपालन को सरल बनाने और करदाताओं को राहत देने की है.