नई दिल्ली, 3 फरवरी (भाषा) : व्यापार दस्तावेजीकरण के लिए एकीकृत मंच के रूप में ‘भारत ट्रेडनेट’ की स्थापना से देश के निर्यातकों और आयातकों को बड़ा फायदा होगा. इस प्लेटफॉर्म के जरिए कागजी कार्यवाही में कमी, प्रसंस्करण समय की बचत, लागत में कटौती और वैश्विक मानकों के अनुरूप व्यापार प्रक्रियाओं का सरलीकरण संभव होगा, जिससे भारतीय निर्यातकों की अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धा करने की क्षमता भी बढ़ेगी.
सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ‘भारत ट्रेडनेट’ के आने से व्यापार क्षेत्र में कई सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेंगे. यह मंच न केवल व्यापार से जुड़ी मंजूरियों को तेजी से दिलाने में सहायक होगा, बल्कि निर्यात ऋण प्राप्त करने की प्रक्रिया को भी सुगम बनाएगा.
बैंकों और एनबीएफसी को भी होगा फायदा
अधिकारी ने यह भी बताया कि बैंकिंग और वित्तीय संस्थानों (एनबीएफसी) के लिए भी यह मंच बेहद लाभकारी साबित होगा. इसकी मदद से उन्हें व्यापार वित्त से जुड़े ताजा और सटीक आंकड़े मिलेंगे, जिससे उनकी प्रक्रिया में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ेगी.
कागजी कार्रवाई होगी खत्म, छोटे निर्यातकों को मिलेगा समर्थन
अधिकारी ने आगे बताया,"भारत ट्रेडनेट’ की मदद से व्यापार में होने वाली देरी और कागजी कार्यवाही को काफी हद तक समाप्त किया जा सकेगा. इससे न केवल निर्यातकों को समय की बचत होगी, बल्कि छोटे और मध्यम स्तर के निर्यातकों के लिए कर्ज हासिल करना भी आसान हो जाएगा."
पूरी तरह डिजिटल और वैश्विक रूप से एकीकृत प्लेटफॉर्म
सरकार की इस पहल को ‘पूरी तरह डिजिटल, वैश्विक रूप से एकीकृत और कुशल व्यापार पारिस्थितिकी तंत्र’ की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है. "यह मंच व्यापार प्रक्रियाओं को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाएगा और भारत को अंतरराष्ट्रीय व्यापार में अधिक मजबूती देगा," अधिकारी ने कहा.
व्यापारियों के लिए नए अवसर
‘भारत ट्रेडनेट’ के लागू होने से व्यापारियों को निर्बाध और सुगम व्यापार प्रक्रियाओं का अनुभव मिलेगा. यह कदम भारत को एक व्यापक डिजिटल व्यापार इकोसिस्टम की ओर ले जाएगा, जिससे निर्यात और आयात दोनों क्षेत्रों में तेजी आएगी.
(इस खबर को इंडिया डेली लाइव की टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की हुई है)