EPFO Interest Rate: भारत में लाखों प्राइवेट कर्मचारियों की बचत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा उनके कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) खाते में जमा रहता है. EPFO (Employees' Provident Fund Organisation) हर साल अपने केंद्रीय बोर्ड की बैठक में ब्याज दर पर फैसला करता है, जिससे कर्मचारियों को मिलने वाला ब्याज तय होता है. इस साल, 28 फरवरी को होने वाली EPFO की बोर्ड बैठक में 2024-25 के वित्तीय वर्ष के लिए ब्याज दर का ऐलान हो सकता है.
EPFO की बैठक में इस बार ब्याज दर को लेकर बड़े बदलाव की संभावना जताई जा रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस साल ब्याज दर 8.25% के आसपास रह सकती है, जो पिछले साल की तरह होगी. पिछले साल 2023-24 में EPFO ने 8.25% की दर तय की थी, जो तीन सालों में सबसे ज्यादा थी.
EPFO ने FY24 में ब्याज दर को 8.25% तक बढ़ाया था, जो 3 सालों में सबसे अधिक थी. इससे पहले FY23 में ब्याज दर 8.15% थी, जबकि FY22 में यह 8.10% थी. पिछले कुछ सालों में ब्याज दर में उतार-चढ़ाव देखने को मिला है. 2021-22 में EPF की ब्याज दर 8.10% थी, जो 1977-78 के बाद सबसे कम थी. हालांकि, 2010-11 में EPFO ने अपने कर्मचारियों को सबसे अधिक 9.50% का ब्याज दिया था.
कैसे तय होती है EPF ब्याज दर?
EPFO ब्याज दर का प्रस्ताव तैयार करता है, जिसे केंद्रीय बोर्ड (CBT) में समीक्षा के बाद मंजूरी दी जाती है. इसके बाद, वित्त मंत्रालय इस फैसले को अंतिम मंजूरी देता है. मंजूरी मिलने के बाद यह ब्याज दर EPFO के सभी ग्राहकों के खातों में जमा कर दी जाती है. यह ब्याज दर साल के अंत में कर्मचारियों के खातों में क्रेडिट होती है.
बढ़ सकती है इंटरेस्ट रेट
EPFO की बोर्ड बैठक में निर्णय लिया जाएगा, और इसके बाद वित्त मंत्रालय की मंजूरी के बाद ही अंतिम ब्याज दर का ऐलान किया जाएगा. यदि इस साल ब्याज दर को 8.25% पर बरकरार रखा गया, तो यह पिछले साल के समान होगी.