भारत और पाकिस्तान पड़ोसी देश होने के बावजूद कई मामलों में एक-दूसरे से काफी अलग हैं. इनमें से एक बड़ा अंतर दोनों देशों के वार्षिक बजट में देखने को मिलता है. पाकिस्तान अक्सर अपनी तुलना भारत से करता है लकिन वे बजट के मामले में भारत से बहुत पीछे हैं. इसके अलावा भारत और पाकिस्तान नें बजट पेश करने की प्रक्रिया भी बिल्कुल अलग है.
भारत में बजट को पेश करने के लिए एक परंपरा को निभाया जाता है और इसके लिए एक तारीख भी तय की जाती है. तो वहीं पाकिस्तान में बिल्कुल इससे अलग होता है. बता दें कि दोनों देशों के बजट साइज में भी बहुत बड़ा अंतर है और ये अंतर जानकर आप भी हैरान रहने वाले हैं. हम इस आर्टिकल के माध्यम से भारत और पाकिस्तान के बजट के अंतर के बारे में जानने वाले हैं.
अगर भारत की बात करें तो यहां पर बजट के लिए 1 फरवरी की तारीख को निर्धारित कर दिया गया है. हर साल इसी दिन भारत के वित्त मंत्री संसद भवन में बजट पेश करते हैं. कल पेश होने वाले बजट को भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में इसे सबके सामने पेश करने वाली हैं. वे लगातार आठवीं बार भारत के बजट को संसद में पेश करेंगी.
पाकिस्तान की बात करें तो यहां पर बजट पेश करने के लिए कोई भी तारीख तय नहीं है. हालांकि, पड़ोसी देश के वित्त वर्ष की शुरूआत जुलाई में होती है और इसी महीने वे संसद में अपना बजट पेश करते हैं. पाकिस्तान में लोकसभा का अध्यक्ष ही बजट पेश करने के लिए एक तारीख तय करता है और फिरह उसे पेश किया जाता है.
अगर भारत के बजट की बात करें तो ये पाकिस्तान के बजट से लगभग 8 गुना अधिक है. 2024-25 के भारत के बजट पर नजर डालें तो ये 45 लाख करोड़ रूपए था. तो वहीं इस वित्त वर्ष का पाकिस्तान का बजट 6 लाख करोड़ रूपए था. ऐसे में भारत का बजट पाकिस्तान की तुलना में 8 गुना बड़ा है.