VIRAL POST: आज के दौर में फिनटेक इंडस्ट्री लोगों को काफी आकर्षित करती है. हम आज के समय में डिजिटल निवेश, रियल-टाइम अपडेट और ऐप्स पर निर्भर होते जा रहे हैं. लेकिन हमसे पहले वाली जनरेशन के लिए ये बिलकुल अलग था. उन्हें जब तक पैसा या रसीद हाथ में भौतिक रूप से न मिले, तब तक वे उसे असली पैसा मानते ही नहीं.
लिंक्डइन पर Aaina Chopra नाम की एक यूज़र ने स्टेबल मनी के महत्व और उसके पीछे की यादों को बड़े ही रोचक ढंग से समझाया है. इसके साथ ही उन्होंने अपना एक किस्सा भी शेयर किया है. जो अब सोशल मीडिया पर वायरल है.
यूजर ने पोस्ट ने कही महत्वपूर्ण बात
प्रोफेशनल मीडिया प्लेटफार्म लिंक्डइन पर ऐसा एक पोस्ट जमकर वायरल हो रहा है, जिसमें एक यूजर ने स्टेबल मनी के बारे में खुलकर चर्चा की है. साथ ही इस पर एक नया सुझाव भी दिया है. यूजर ने एक पोस्ट के जरिए बताया कि, "मेरे लिए, जब मैं अपने निवेश का डेटा तुरंत अपडेट होते देखती हूं, तो पैसा असली लगता है. लेकिन मेरी मां की नज़र में, जब तक मुहर लगी हुई भौतिक रसीद हाथ में न हो, तब तक पैसा असली नहीं होता. हम दोनों में से कोई भी गलत नहीं है."
I never thought a small feedback would turn into a great idea.
— Aaraynsh (@aaraynsh) March 26, 2025
A thread: 👇
Fixed deposits have always been a big deal in Indian households. If you grew up in a middle-class family, you’ve probably seen your parents or grandparents carefully keeping FD receipts in a file… pic.twitter.com/RrJ8thfARd
क्यों नहीं पसंद डिजिटल निवेश?
यूजर ने बताया कि पिछले हफ्ते उन्होंने अपनी मां से एक निवेश ऐप में पैसा डालने का अनुरोध किया. इस पर उनका जवाब सीधा था, "कोई कागजी रसीद नहीं, कोई भौतिक प्रमाण नहीं, तो कोई निवेश भी नहीं." यूजर ने बताया जब मैं ऑनलाइन कुछ खरीदती हूं और मुझे इस पर ईमेल मिलता है, तो मुझे एक डोपामिन हिट मिलती है, यानी यह मेरे लिए सुरक्षा का अहसास कराता है. ठीक उसी तरह, जब मेरी मां मुहर लगी हुई FD रसीद अपने दस्तावेज़ों में जोड़ती हैं, तो यह उनके लिए भरोसे का प्रतीक होता है.