Dhirubhai Ambani Birthday: अपने परिवार के लिए कितना पैसा छोड़ गए धीरूभाई अंबानी?
आज, 28 दिसंबर 2024 को धीरूभाई अंबानी की 92वीं जयंती है. उन्होंने भारत में इक्विटी कल्चर और कैपिटल मार्केट के विचार को आगे बढ़ाने में अहम रोल निभाया. 1977 में रिलायंस इंडस्ट्रीज बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट होने वाली पहली भारतीय कंपनी बनी.
Dhirubhai Ambani Birthday: धीरूभाई अंबानी, भारतीय इंडस्ट्री जगत का एक ऐसा नाम जिसने साधारण बैकग्राउंड से निकलकर सफलता की नई परिभाषा गढ़ी. 28 दिसंबर 1932 को गुजरात के चोरवाड़ गांव में जन्मे धीरूभाई ने अपने जीवन में मेहनत, दृढ़ निश्चय और अद्वितीय सोच के बल पर वह मुकाम हासिल किया जो लाखों लोगों के लिए प्रेरणा है.
धीरूभाई का बचपन आर्थिक तंगी में बीता था. पढ़ाई बीच में छोड़कर उन्होंने यमन में पेट्रोल पंप पर काम किया. यहीं से उन्होंने व्यापार की बारीकियां सीखीं और अपने भविष्य की नींव रखी. भारत लौटने के बाद उन्होंने 1966 में रिलायंस कमर्शियल कॉर्पोरेशन की स्थापना की. यह छोटी शुरुआत जल्द ही भारत की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) में बदल गई.
धीरूभाई का जन्मदिन
आज, 28 दिसंबर 2024 को धीरूभाई अंबानी की 92वीं जयंती है. उन्होंने भारत में इक्विटी कल्चर और कैपिटल मार्केट के विचार को आगे बढ़ाने में अहम रोल निभाया. 1977 में रिलायंस इंडस्ट्रीज बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट होने वाली पहली भारतीय कंपनी बनी. धीरूभाई ने भारतीय इंडस्ट्री जगत में पारदर्शिता और नवाचार को बढ़ावा दिया.
निधन के समय थी इतनी संपत्ति
धीरूभाई अंबानी का निधन 6 जुलाई 2002 को हुआ. उस समय उनकी कुल संपत्ति 2.9 अरब डॉलर थी, और वह फोर्ब्स की लिस्ट में दुनिया के 138वें सबसे अमीर व्यक्ति थे. उनकी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज का उस समय वैल्यूएशन 60,000 करोड़ रुपये था, जो आज बढ़कर 16.60 लाख करोड़ रुपये हो चुका है.
धीरूभाई ने न केवल एक कंपनी खड़ी की, बल्कि अपने जीवन में वह दृष्टिकोण दिया जो आज उनके बेटों मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी के जरिए आगे बढ़ रहा है. पेट्रोकेमिकल, रिफाइनिंग, टेलीकॉम और रिटेल जैसे क्षेत्रों में रिलायंस का वर्चस्व उनकी दूरदृष्टि और मेहनत का परिणाम है.
धीरूभाई अंबानी की सबसे बड़ी विरासत उनकी सोच और संघर्ष की कहानी है. उन्होंने यह सिखाया कि साधारण परिस्थितियों में भी असाधारण सफलता हासिल की जा सकती है. उनके जीवन और कार्यों का प्रभाव आज भी भारत के औद्योगिक विकास में देखा जा सकता है.
आज रिलायंस का प्रभाव
आज उनकी बनाई कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि विश्व की सबसे बड़ी कंपनियों में गिनी जाती है. रिलायंस का सफर धीरूभाई अंबानी के उस विचार को साकार करता है कि हर असंभव को संभव बनाया जा सकता है.