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India Daily

पेट्रोल-डीजल के बाद अब CNG-PNG भी होगी महंगी, सरकार ने उठाया बड़ा कदम, आम आदमी को लगा झटका

CNG PNG Price may rise: Yes Securities के एक्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट हर्षराज अग्रवाल के मुताबिक, “यह कटौती अचानक हुई है, जबकि इसे धीरे-धीरे किया जाना था. CGD कंपनियां इस बढ़ी लागत की भरपाई करने के लिए फिर से कीमतें बढ़ा सकती हैं.”

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Edited By: Gyanendra Tiwari
CNG PNG Price may rise as Government may cut AMP gas allocation Petrol and Diesel
Courtesy: Social Media

CNG PNG Price may rise: सरकार एक बार फिर सस्ती गैस की आपूर्ति यानी एडमिनिस्ट्रेटिव प्राइस मैकेनिज्म (APM) गैस में कटौती करने जा रही है. इसका सीधा असर अब सीएनजी और पीएनजी की कीमतों पर पड़ सकता है. जानकार सूत्रों के अनुसार, 16 अप्रैल से शहर गैस वितरण (CGD) कंपनियों को मिलने वाली सस्ती APM गैस की मात्रा और कम कर दी जाएगी.

IGL और MGL को पड़ेगा सबसे ज्यादा असर

इस कटौती से इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड (IGL) और महानगर गैस लिमिटेड (MGL) जैसी कंपनियों को अपनी सीएनजी और पीएनजी की कीमतों पर फिर से विचार करना पड़ सकता है. अभी IGL को सीएनजी के लिए 51% APM गैस मिलती है, लेकिन इसे घटाकर अब 40% किया जा सकता है. हालांकि, इस संबंध में अब तक आधिकारिक अधिसूचना जारी नहीं हुई है.

नई वेल गैस से होगी भरपाई, लेकिन बढ़ेगा खर्च

सूत्रों के मुताबिक, कटौती के बाद जो गैस दी जाएगी वह 'नई वेल गैस' हो सकती है, जो APM गैस की तुलना में महंगी होती है. इसका मतलब है कि CGD कंपनियों के लिए इनपुट लागत बढ़ जाएगी, जिससे वे सीएनजी और पीएनजी के दाम बढ़ा सकती हैं.

महानगर गैस के प्रबंध निदेशक आशु शिंघल ने बताया कि कंपनी स्थिति की समीक्षा कर रही है और अंतिम निर्णय के बाद कीमतों में बदलाव किया जाएगा.

हाल ही में बढ़े हैं दाम

हाल ही में सरकार ने पुरानी गैस फील्ड्स से मिलने वाली गैस की कीमत में 4% यानी $0.25 प्रति एमएमबीटीयू की बढ़ोतरी की थी. इसके चलते IGL ने 7 अप्रैल को दिल्ली में CNG के दाम ₹1 प्रति किलोग्राम और नोएडा-गाजियाबाद में ₹3 प्रति किलोग्राम बढ़ाए. वहीं, MGL ने 9 अप्रैल को सीएनजी के दाम ₹1.5 प्रति किलोग्राम और PNG के दाम ₹1 प्रति SCM बढ़ा दिए थे.

पिछले कुछ महीनों में APM गैस की आपूर्ति घटी

सरकार पहले भी कई बार APM गैस की आपूर्ति में कटौती कर चुकी है. अक्टूबर में यह आपूर्ति 68% से घटाकर 50.75% और फिर नवंबर में 37% कर दी गई थी. हालांकि जनवरी में इसे फिर से बढ़ाकर 51.48% कर दिया गया था.