Budget 2025: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को बजट पेश करने वाली है. इससे पहले आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संबोधन के साथ बजट सत्र का शुरूआत होगा. इस बजट सत्र के दौरान हम आपको बजट और उससे जुड़ी अहम बिंदुओं के बारे में बताते रहेंगे. बजट को लेकर आम जनता के मन में कई सवाल आते है. बजट कब, कैसे और किसके द्वारा तैयार किया जाता है?
आम लोगों के मन में दूसरा ये महत्वपूर्ण सवाल होता है कि बजट को हमेशा लाल रंग के ब्रीफकेस या बैग में ही क्यों पेश किया जाता है. क्या इसके पीछे कोई खास नियम है? या फिर यह केवल संसद की परंपरा का एक हिस्सा है. तो चलिए बात करते हैं इस लाल रंग के अहमियत के बारे में.
1 फरवरी को निर्मला सीतारमण संसद में लगातार अपना आठवां बजट पेश करने जा रही है. इस बार भी हर बार की तरह वित्त मंत्री के हाथों में लाल पेटी या बैग देखने को मिलेगा. हालांकि 2021 में वित्त मंत्री के हाथों में लाल बैग या सूटकेस के बजाए टैबलेट नजर आया था. लेकिन इसे भी लाल कपड़े से ढका गया था. जिसके बाद यह सवाल और भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाता है कि बजट और लाल रंग का मतलब क्या है. इसमें कभी और कोई रंग क्यों नहीं इस्तेमाल किया जाता है. इसके पीछे आज हम आपको कुछ दिलचस्प किस्सा बताएंगे.
बजट और लाल रंग का कनेक्शन अंग्रेजों के जमाने से जुड़ा है. जानकारी के मुताबिक 1860 में ब्रिटिश चांसलर ग्लैडस्टोन ने रानी के मोनोग्राम वाला एक लाल चमड़े का ब्रीफकेस में देश का सबसे पहला बजट पेश किया था. जिसे ग्लैडस्टोन बॉक्स के नाम से भी जाना जाता है. लाल रंग के चुनाव के पीछे दो वजह बताए जाते हैं. पहला कि सैक्सकोबर्गगोथा की सेना में इसकी काफी अहमियत थी. जिसके कारण ब्रीफकेस लाल रंग का पेश किया गया. वहीं दूसरा कारण यह है कि 16वीं शताब्दी के अंत में क्वीन एलिजाबेथ के प्रतिनिधि ने स्पेन के राजदूत को ब्लैक पुडिंग यानी एक मीठी डिश से भरा लाल ब्रीफकेस भेंट किया था. जिसके कारण इसकी अहमियत और भी ज्यादा बढ़ गई.
इसके अलावा यह भी कहा जाता है कि लाल रंग शुभ और आकर्षक होता है. देश के लिए रखे जाने वाले महत्वपूर्ण दस्तावेजों को रखने वाला बैग इससे ज्यााद सही तरीके से नहीं रखा जाता सकता है. हालांकि भारत के लोग इसे धार्मिक तौर से भी देखते हैं क्योंकि लाल रंग को काफी शुभ और पवित्र माना जाता है. ऐसे में देश का आने वाला अगला साल शुभ हो इसके लिए इसे लाल रंग के बैग में पेश किया जाता है.