Budget 2025: हर साल 1 फरवरी को ही क्यों पेश होता है बजट?
Budget 2025: बजट 2025 का इंतजार अब खत्म होने वाला है. पहले फरवरी के अंत में बजट पेश होता था, लेकिन 2017 में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसे 1 फरवरी करने का निर्णय लिया. इससे सरकार को नई योजनाओं को समय से लागू करने का मौका मिला, और प्रक्रिया में तेजी आई.
Budget 2025: बजट 2025 का इंतजार अब खत्म होने वाला है और लोग जानना चाहते हैं कि इस बार के बजट में उनके लिए क्या खास होगा. हालांकि, बजट को पेश करने की तारीख और समय में एक बड़ा बदलाव हुआ है. पहले बजट फरवरी के अंतिम दिन, यानी आमतौर पर 28 फरवरी को पेश किया जाता था, लेकिन मोदी सरकार ने इस परंपरा को 2017 में बदल दिया. आइए जानें क्यों और कैसे बदला गया बजट पेश करने का तरीका.
साल 2017 में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बजट को 1 फरवरी को पेश करने का निर्णय लिया था. दरअसल, फरवरी के अंत में बजट पेश करने से आगामी वित्तीय वर्ष के लिए योजनाओं को लागू करने में थोड़ा विलंब हो जाता था. 1 फरवरी से बजट को पहले से लागू करना आसान होता है, जिससे सरकार को नई योजनाओं को समय से लागू करने का मौका मिलता है. इस बदलाव से न सिर्फ प्रक्रिया में तेजी आई, बल्कि सरकार को काम शुरू करने का समय भी मिल गया.
बजट पेश करने का समय भी बदला
पहले बजट शाम 5 बजे पेश किया जाता था, जो ब्रिटिश काल से चली आ रही परंपरा थी. लेकिन 2017 के बाद से इसे सुबह 11 बजे पेश किया जाता है, ताकि पूरा देश इसे एक साथ देख सके और फैसलों की समझ बढ़ सके.
रेल बजट और आम बजट एक साथ
इससे पहले रेल बजट और आम बजट दो अलग-अलग तारीखों पर पेश किए जाते थे, लेकिन 2017 में मोदी सरकार ने इसे एक साथ पेश करने की परंपरा शुरू की, जिससे आम और रेल बजट में तालमेल बना और इससे रेलवे के विकास की योजनाओं को सीधे आम बजट में शामिल किया जा सका.
ब्रिटिश काल से जुड़ा कारण
ब्रिटिश काल में बजट का समय और तारीख इसलिए तय की जाती थी क्योंकि भारत का समय ब्रिटेन से करीब साढ़े चार घंटे आगे है. ब्रिटेन में बजट पेश करने का सही समय सुबह का होता था, इसलिए भारत में शाम 5 बजे का समय तय किया गया था. इस कारण भारतीय बजट की तारीख और समय ब्रिटिश जरूरतों के हिसाब से तय किया गया था.