Budget 2025: 2025 के केंद्रीय बजट से पहले, ग्रांट थॉर्नटन भारत द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण में करदाताओं की प्रमुख अपेक्षाओं को उजागर किया गया है. यह सर्वे दर्शाता है कि अधिकांश टैक्सपेयर्स कम टैक्स दरें और अधिक छूट की उम्मीद कर रहे हैं. इससे उनका मानना है कि उनकी वित्तीय स्थिति में सुधार होगा और उनके पास अधिक डिस्पोजेबल आय होगी. इस सर्वे में यह भी बताया गया कि नए और सरल टैक्स व्यवस्था की ओर रुझान बढ़ रहा है, जिसमें 72% टैक्सपेयर्स इससे संतुष्ट हैं.
हालांकि, इस नए टैक्स व्यवस्था को और आकर्षक बनाने के लिए टैक्स दरों में कमी और छूट सीमा बढ़ाने की आवश्यकता है. इसके अलावा, टैक्सपेयर्स ने विशेष प्रोत्साहनों की मांग की है, जैसे कि राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) के लिए बढ़े हुए लाभ, जो दीर्घकालिक बचत को बढ़ावा देंगे और इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) के लिए कर प्रोत्साहन भी मांगे गए हैं.
सर्वेक्षण के अनुसार, 57% करदाता कर दरों में कमी की मांग कर रहे हैं, ताकि उनके पास अधिक बचत हो सके और उनकी डिस्पोजेबल आय बढ़े. इसके अलावा, 25% करदाता छूट सीमा बढ़ाने की मांग कर रहे हैं, ताकि वे अधिक राशि बचा सकें. कुछ करदाता, जैसे कि 11% ने मानक छूट सीमा में वृद्धि की भी सिफारिश की है, जो मुख्य रूप से वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए लाभकारी होगा.
कर दरों में कमी: 57% करदाता चाहते हैं कि सभी आय स्तरों के लिए कर दरें कम की जाएं.
छूट सीमा बढ़ाना: 25% का मानना है कि अधिक छूट सीमा से करदाताओं को अधिक लाभ होगा.
मानक छूट सीमा में वृद्धि: 11% ने नई कर व्यवस्था में मानक छूट सीमा बढ़ाने की सिफारिश की है.
हालांकि 72% करदाता पहले ही नई, सरल कर व्यवस्था में शिफ्ट हो चुके हैं, फिर भी सर्वे में यह सुझाव दिया गया है कि इसे और अधिक आकर्षक बनाने के लिए कुछ सुधार आवश्यक हैं. 46% करदाता मानते हैं कि अगर कर दरों में कमी की जाए तो नई व्यवस्था और भी आकर्षक हो सकती है. 26% का कहना है कि छूट सीमा बढ़ाई जाए तो यह अधिक लाभकारी बनेगी.
इसके अलावा, 38% NRI (विदेशी निवासी भारतीय) करदाता चाहते हैं कि वे विदेशी बैंकों के माध्यम से कर भुगतान कर सकें, और 35% करदाता चाहते हैं कि OTP के जरिए विदेश में बसे मोबाइल नंबरों पर ई-वेरिफिकेशन की प्रक्रिया को मंजूरी दी जाए.
इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए 66% करदाता EV लोन पर टैक्स छूट की फिर से शुरुआत की मांग कर रहे हैं. इसके अलावा, 14% करदाता यह चाहते हैं कि EV से संबंधित लाभों पर कर निर्धारण को लेकर और स्पष्टता प्रदान की जाए.
सर्वे में यह भी पाया गया कि 53% करदाता चाहते हैं कि नए कर व्यवस्था में हाउस प्रॉपर्टी के नुकसान को सेट-ऑफ किया जाए, जबकि 47% करदाता पुरानी व्यवस्था में 2 लाख रुपये की सीमा को बढ़ाने या हटाने की बात कर रहे हैं.