Budget 2025: राष्ट्रपति मुर्मू के संबोधन के साथ आज बजट सत्र का होगा आगाज, जानें किन मुद्दों पर है सरकार की नजर
Budget 2025: केंद्र सरकार 1 फरवरी को केंद्रीय बजट 2025 पेश करने की योजना बना रही है. इस महत्वपूर्ण अवसर पर सभी की उम्मीदें केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा मध्यम वर्ग, वेतनभोगी कर्मचारियों और उद्यमियों के लिए घोषित की जाने वाली नीतियों और योजनाओं पर केंद्रित हैं.
Budget 2025: केंद्र सरकार 1 फरवरी को केंद्रीय बजट 2025 पेश करने के लिए तैयार है और इस पर देशभर की नजरें टिकी हैं. खासकर मध्यम वर्ग, वेतनभोगी कर्मचारी और उद्यमी इस बजट से बड़ी उम्मीदें लगाए बैठे हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए जाने वाले इस बजट में कर संरचना, जीएसटी दरों में संशोधन और विभिन्न व्यय योजनाओं की घोषणा होने की संभावना है. वहीं बजट सत्र 31 जनवरी को शुरू होगा, जिसमें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू लोकसभा और राज्यसभा के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगी. इस दौरान देश की आर्थिक स्थिति और आगे की रणनीति पर चर्चा की जाएगी.
वहीं संसद का बजट सत्र शुक्रवार से शुरू होने जा रहा है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शनिवार को बजट प्रस्तुत करेंगी. इस सत्र को लेकर विपक्ष के रुख में कड़ी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है. विपक्ष महाकुंभ हादसे और वक्फ संशोधन बिल के मुद्दे पर हंगामा कर सकता है. सत्र की शुरुआत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के संयुक्त संबोधन से होगी, जिसके बाद सरकार द्वारा आर्थिक सर्वेक्षण प्रस्तुत किया जाएगा. जेपीसी ने वक्फ संशोधन बिल पर विचार करने के बाद गुरुवार को अपनी रिपोर्ट स्पीकर ओम बिरला को सौंप दी है.
क्या हो सकते हैं बजट 2025 के मुख्य आकर्षण?
आपको बता दें कि देशभर के करदाता संशोधित आयकर स्लैब, जीएसटी दरों में कटौती और पूंजीगत व्यय योजनाओं से जुड़ी घोषणाओं का इंतजार कर रहे हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि इस बजट में कुछ बड़े सुधार हो सकते हैं, जो घरेलू उद्योगों और निवेशकों के लिए फायदेमंद साबित होंगे. बताते चले कि इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, एक्का इलेक्ट्रॉनिक्स के निदेशक सागर गुप्ता ने कहा, ''हम नीति निर्माताओं से आग्रह करते हैं कि वे ऐसे सुधारों पर ध्यान केंद्रित करें जो व्यापार को आसान बनाएं और घरेलू उत्पादन को बढ़ावा दें. आयात शुल्क, उचित कराधान और तकनीक हस्तांतरण को आसान बनाने वाली रणनीतियां एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र की नींव रख सकती हैं. इससे भारत को आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी और वैश्विक स्तर पर विनिर्माण में अग्रणी बनने का रास्ता साफ होगा.''
क्या वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने की योजना आएगी?
वहीं बढ़ते वायु प्रदूषण और पर्यावरणीय संकट को देखते हुए, विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार के बजट में इस मुद्दे पर ठोस नीतियों की घोषणा की जानी चाहिए. सीपी कुकरेजा आर्किटेक्ट्स के प्रबंध निदेशक दीक्षु सी. कुकरेजा ने इस पर अपनी राय दी. उन्होंने कहा, ''शहरी विकास योजनाओं का मुख्य उद्देश्य वायु प्रदूषण को कम करना होना चाहिए. यह एक गंभीर समस्या है, जिसके समाधान के लिए बड़े निवेश की आवश्यकता है। जब तक इस मुद्दे को प्राथमिकता नहीं दी जाएगी, तब तक विकसित भारत की कल्पना अधूरी रहेगी.'' इसके अलावा, उन्होंने कचरा प्रबंधन की समस्या पर भी जोर दिया और कहा कि, ''बड़े शहर अब लैंडफिल में तब्दील हो रहे हैं. इस चुनौती का सामना करने के लिए सुनियोजित और लक्षित निवेश की आवश्यकता है, जिससे महानगरीय क्षेत्रों को पुनर्जीवित किया जा सके और सार्वजनिक स्वास्थ्य की रक्षा हो सके.''
डिजिटल सेक्टर को मिलेगी बढ़ावा?
बताते चले कि विनिर्माण और व्यापार जगत के विशेषज्ञ इस बार के बजट में डिजिटल इंडिया मिशन और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) पर केंद्रित नीतियों की उम्मीद कर रहे हैं. सरकार यदि डिजिटल ट्रांजैक्शन, स्टार्टअप्स और टेक्नोलॉजी सेक्टर को बढ़ावा देने वाली योजनाओं का ऐलान करती है, तो यह आर्थिक विकास के लिहाज से फायदेमंद साबित हो सकता है. हालांकि, बजट 2025 से जुड़ी घोषणाएं व्यापार, उद्योग, स्टार्टअप और पर्यावरण संरक्षण से लेकर मध्यम वर्गीय करदाताओं तक सभी के लिए महत्वपूर्ण होंगी. अब देखना यह होगा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस बजट में जनता की उम्मीदों पर कितना खरा उतरती हैं.
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