Budget 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट कल यानी 1 फरवरी को पेश किया गया. वहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लगातार 8वां आम बजट संसद में प्रस्तुत किया. सरकार की ओर से इस बजट को मिडिल क्लास लोगों का बजट बताया जा रहा है. मिडिल क्लास लोगों के लिए 12 लाख तक नो टैक्स के ऐलान के बाद तालियों की गड़गड़ाहट पूरा सदन गूंज उठा. हालांकि इस बजट में FM ने रोजगार के कई अवसर लाए हैं.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि 2025-26 के बजट के तहत विभिन्न सरकारी योजनाओं के लिए निर्धारित आवंटन के साथ केंद्र सरकार इस बार मत्स्य पालन, पर्यटन, खाद्य प्रसंस्करण, कपड़ा और इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण जैसे खास क्षेत्रों में 21 लाख से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा करने का लक्ष्य बना है.
पीएम मोदी के तीसरे कार्यकाल के पहले बजट में भी रोजगार को बढ़ावा देना का ऐलान किया गया था. उस साल वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पांच साल में एक करोड़ युवाओं को रोजगार देने की योजना की घोषणा की थी. जिसे रोजगार सृजन के लिए दीर्घकालिक कदम के रूप में देखा गया था. इस घोषणा के बाद कॉरपोरेट मामलों का मंत्रालय पीएम इंटर्नशिप योजना की एक पायलट परियोजना को लागू कर रहा है.
जिसका लक्ष्य 2024-25 में शीर्ष कंपनियों में युवाओं को 1.25 लाख इंटर्नशिप के अवसर प्रदान करना है. इसके लिए 840 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया गया है. पिछले साल के बाद अब तक कंपनियों द्वारा 1.27 लाख इंटर्नशिप के अवसर पोस्ट किए गए हैं. जिसमें लगभग 6.21 लाख आवेदन प्राप्त हुए हैं. जिसके बाद सरकार इस बजट में भी रोजगार के नए दरवाजे खोलने की कोशिश में हैं. हालांकि इस बार केंद्र सरकार की ओर से कुछ कुछ योजनाओं के रोजगार लक्ष्य को पिछले साल से 20 फीसदी अधिक रखा गया है.
भारत में कारीगरों और शिल्पकारों को सहायता प्रदान करने वाली पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत सरकार का लक्ष्य है कि महिलाओं और एससी, एसटी और ओबीसी समुदायों के 61 लाख से अधिक कारीगरों को स्वरोजगार मिले. वहीं प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का लक्ष्य 11 लाख लोगों को रोजगार देना है. हालांकि पिछले वर्ष भी इस योजना के लिए रोजगार लक्ष्य 2024-25 में भी ठीक यही था. सूची में दूसरे स्थान पर प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम है. जिसका लक्ष्य 5.8 लाख लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करना है. अगस्त 2008 में शुरू की गई यह योजना एक क्रेडिट-लिंक्ड सब्सिडी योजना है. जिसका संचालन सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (MSME) द्वारा किया जाता है.
उत्तर पूर्व में औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र में सुधार लाने के उद्देश्य से सरकार इस क्षेत्र में 25 औद्योगिक बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को पूरा करने का लक्ष्य बना रही है, और 1.2 लाख रोजगार के अवसर पैदा करने का लक्ष्य बना रही है. कपड़ों के लिए सरकार की उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत, बजट में 35,000 से अधिक लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य रखा गया है .
पिछले साल द इंडियन एक्सप्रेस ने बताया था कि सितंबर 2021 में अधिसूचित वस्त्रों के लिए पीएलआई योजना ने शुरुआत में 7.5 लाख नौकरियां पैदा करने का लक्ष्य रखा था. हालांकि कैबिनेट ने सिर्फ 2.5 लाख के रोजगार लक्ष्य को मंजूरी दी, पिछले दो साल और तीन महीने में जून 2024 तक सिर्फ 12,607 नौकरियां पैदा हुईं. कुल मिलाकर सरकार की ओर से अलग-अलग योजनाओं के माध्यम से लोगों को ज्यादा से ज्यादा रोजगार देने की कोशिश की जा रही है. अब आने वाले समय में यह पता चलेगा कि सरकार का लक्ष्य और वास्तविक आंकड़ों में कितना अंतर है.