Budget 2025: हर साल की तरह इस साल भी फरवरी में बजट पेश होने जा रहा है और सभी लोग बेसब्री से इस पल का इंतजार कर रहे हैं. लोग जानना चाहते हैं कि इस बार वित्त मंत्री के पिटारे से किस वर्ग के लिए क्या निकलेगा. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि बजट शब्द का असली मतलब क्या है और इसे बजट क्यों कहा जाता है? आइए, जानते हैं बजट के इतिहास और इसके पीछे की रोचक कहानी.
बजट एक फेमस शब्द है जो फ्रेंच भाषा के लातिन शब्द 'बुल्गा' से लिया गया है. इसका मतलब होता है एक छोटा चमड़े का ब्रीफकेस, जिसे पहले भूरा रंग दिया जाता था. इस शब्द का विकास होता हुआ 'बोऊगेट' और फिर 'बोगेट' बन गया. आजादी के बाद से, भारत के वित्त मंत्री बजट पेश करने के लिए इसी प्रकार के ब्रीफकेस का उपयोग करते थे, जिसमें बजट से जुड़े कागजात होते थे. ब्रिटिश काल में यह परंपरा शुरू हुई, और आज भी यह चलती आ रही है.
जब हम भारतीय संविधान की बात करते हैं, तो उसमें बजट का कोई जिक्र नहीं किया गया है. यह सिर्फ ब्रिटिश शासन की परंपरा थी, जो हमारे संविधान में शामिल नहीं की गई. यह परंपरा आज भी जारी है और बजट पेश करने का तरीका वही है जो ब्रिटिश काल में था.
भारत में बजट की शुरुआत बहुत पहले हो चुकी थी, लेकिन भारत में पहली बार बजट 1860 में स्कॉटिश अर्थशास्त्री जेम्स विलसन ने पेश किया था. हालांकि, स्वतंत्र भारत का पहला बजट 26 नवंबर 1947 को आर के शनमुखम चेट्टी ने पेश किया था. इसके बाद स्वतंत्र भारत में बजट पेश करने की प्रक्रिया स्थिर हुई.
2001 तक, भारत में बजट फरवरी के अंतिम दिन शाम 5 बजे पेश होता था, लेकिन वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने इसे बदलकर सुबह 11 बजे करने का निर्णय लिया. इस बदलाव से बजट पेश करने की प्रक्रिया को अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने में मदद मिली.