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India Daily

Budget 2025: बीमा क्षेत्र में 100 फीसदी FDI, वित्त मंत्री ने सीमा बढ़ाने का किया ऐलान

आज 1 फरवरी शनिवार को वित्त वर्ष 2025-26 का बजट पेश करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार ने बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश यानी FDI की सीमा 74% से बढ़ाकर 100% कर दी है.

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Edited By: Babli Rautela
Budget 2025
Courtesy: Social Media

Budget 2025: आज 1 फरवरी शनिवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारतीय बीमा क्षेत्र में एक जरुरी सुधार की घोषणा की है. उन्होंने कहा कि अब बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश यानी FDI की सीमा 74% से बढ़ाकर 100% की जाएगी. इस फैसले का उद्देश्य विदेशी निवेशकों को आकर्षित करना और देश के बीमा क्षेत्र को और भी मजबूत बनाना है.

बजट पेश करते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा, 'बीमा क्षेत्र के लिए एफडीआई सीमा को बढ़ाकर 100 प्रतिशत किया जाएगा. यह बदलाव उन निवेशकों के लिए होगा जो भारत में पूरा प्रीमियम निवेश करते हैं.' इस कदम से बीमा कंपनियों को और अधिक विदेशी निवेश मिल सकेगा, जिससे उनकी कार्यक्षमता में वृद्धि हो सकेगी. इस समय, बीमा कंपनियों के लिए एफडीआई सीमा 74% है, जबकि बिचौलियों के लिए पहले से ही कुछ सरल रोक लागू हैं. इस क्षेत्र में कुल 24 जीवन बीमा प्रदाता, 26 सामान्य बीमाकर्ता, छह स्टैंडअलोन स्वास्थ्य बीमाकर्ता और एक पुनर्बीमाकर्ता- सामान्य बीमा निगम काम कर रहे हैं.

इकोनॉमी सर्वे की रिपोर्ट में एफडीआई पर जोर

इससे पहले, शुक्रवार को रिलीज की गई इकोनॉमी सर्वे 2024-25 में भी इस बात पर जोर दिया गया कि भारत को विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए हर संभव कोशिश करने चाहिए. सर्वे में कहा गया, 'भारत को एफडीआई आकर्षित करने और खुद को और अधिक आकर्षक बनाने के लिए अलग अलग सुधारों की जरूरत है. खासकर, APA (अग्रिम मूल्य निर्धारण समझौता) जैसे मामलों में कर निश्चितता और कर स्थिरता में सुधार की जरूरत है.' सर्वे में यह भी बताया गया कि भारत ने पिछले कुछ सालों में अपने कई कानूनों, नियमों और विनियमों को सरल बनाया है, जिससे व्यापार करने में आसानी आई है और शासन में भी बदलाव देखने को मिला है।

भारत में एफडीआई की वृद्धि का महत्व

2000 के बाद से भारतीय अर्थव्यवस्था ने लगातार वृद्धि की है. अप्रैल 2000 के बाद से, भारतीय अर्थव्यवस्था साल की पहली छमाही में 1 ट्रिलियन डॉलर के प्रवाह के मील के पत्थर तक पहुंच चुकी है. इस बदलाव का सीधा प्रभाव भारतीय बाजारों, खासकर बीमा क्षेत्र पर पड़ेगा. बढ़ी हुई एफडीआई सीमा विदेशी निवेशकों के लिए अधिक आकर्षक अवसर प्रदान करेगी, जिससे निवेश और रोजगार के अवसरों में वृद्धि हो सकती है.

वित्त मंत्री द्वारा की गई यह घोषणा भारतीय बीमा क्षेत्र के लिए एक बड़ा कदम साबित हो सकती है. एफडीआई सीमा को बढ़ाकर भारत विदेशी निवेश को आकर्षित करने में सक्षम होगा, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और बीमा क्षेत्र में नए अवसर खुलेंगे.