Mahakumbh 2025

Budget 2025: ब्रीफकेस से बही-खाता और फिर टैबलेट... जानें कैसे बदला बजट पेश करने का अंदाज?

केंद्रीय बजट की प्रस्तुति में समय के साथ महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए हैं. पहले, वित्त मंत्री संसद में बजट पत्र प्रस्तुत करने के लिए ब्रीफकेस का उपयोग करते थे. अब, तकनीकी उपकरणों जैसे टैबलेट का उपयोग बढ़ गया है, जो इस प्रक्रिया को और अधिक आधुनिक और प्रभावी बनाता है.

sm

Budget 2025: भारत में केंद्रीय बजट की प्रस्तुति वर्षों से बदलती रही है. परंपरागत ब्रीफकेस से लेकर आधुनिक डिजिटल टैबलेट तक, वित्त मंत्रियों ने समय के साथ बजट पेश करने के तरीकों को बदल दिया है. पहले बजट दस्तावेजों को ब्रीफकेस में ले जाया जाता था, लेकिन 2019 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस परंपरा को तोड़ते हुए 'बही खाता' अपनाया और फिर 2021 से पूरी तरह डिजिटल बजट पेश किया जाने लगा.

आठवीं बार बजट पेश करेंगी निर्मला सीतारमण

बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लगातार आठवीं बार केंद्रीय बजट पेश करने जा रही हैं. इस बार के बजट से आर्थिक विकास को गति देने और मध्यम वर्ग पर करों का बोझ कम करने की उम्मीद की जा रही है. अगर सीतारमण आने वाले वर्षों में भी बजट पेश करती रहीं, तो वह पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के रिकॉर्ड के करीब पहुंच जाएंगी, जिन्होंने कुल 10 केंद्रीय बजट प्रस्तुत किए थे.

ब्रीफकेस से 'बही खाता' तक का सफर

ब्रिटिश युग की विरासत-

ब्रीफकेस में बजट भारत के पहले वित्त मंत्री आर.के. शंकमुखम चेट्टी ने जब 1947 में पहला बजट पेश किया, तो उन्होंने ब्रिटेन की तर्ज पर बजट दस्तावेजों को ब्रीफकेस में लाने की परंपरा शुरू की. यह ब्रीफकेस ब्रिटिश ग्लैडस्टोन बॉक्स की नकल था, जिसे ब्रिटेन के तत्कालीन वित्त मंत्री विलियम इवार्ट ग्लैडस्टोन के नाम पर जाना जाता था. इसके बाद कई दशकों तक वित्त मंत्री अपने-अपने अंदाज में अलग-अलग ब्रीफकेस लेकर संसद पहुंचे और बजट पेश किया.

2019: ब्रीफकेस की जगह 'बही खाता'

2019 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ब्रिटिश युग की इस परंपरा को तोड़ दिया और बजट दस्तावेजों को लाल कपड़े में लपेटकर पेश किया, जिसे 'बही खाता' कहा गया. उन्होंने इसे भारत की संस्कृति और परंपराओं से जोड़ने की बात कही और कहा, ''हमें औपनिवेशिक प्रतीकों से बाहर आना चाहिए, इसलिए मैंने ब्रीफकेस की जगह बही खाता चुना.''

2021: टैबलेट पर कागज रहित बजट

तकनीकी प्रगति को अपनाते हुए 2021 में निर्मला सीतारमण ने पहली बार पेपरलेस बजट पेश किया. उन्होंने एक 'मेड इन इंडिया' टैबलेट का उपयोग किया, जिसे लाल रंग के पाउच में लपेटकर संसद लाई थीं. इस कदम से डिजिटलीकरण को बढ़ावा मिला और कागज के उपयोग को घटाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया.

2025 में कैसा होगा बजट दस्तावेज?

वहीं इस साल भी निर्मला सीतारमण डिजिटल बजट पेश करेंगी, लेकिन इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डेटा एनालिटिक्स का उपयोग बढ़ सकता है. संभव है कि बजट दस्तावेज इंटरएक्टिव फॉर्मेट में आएं, जिससे आम जनता और अर्थशास्त्री आसान तरीके से बजट के प्रभावों को समझ सकें. भारत में बजट दस्तावेजों की प्रस्तुति वर्षों में ब्रीफकेस से बही खाता और फिर टैबलेट तक बदल चुकी है. यह बदलाव न केवल तकनीकी प्रगति को दर्शाता है, बल्कि भारतीय परंपराओं और आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते कदम का भी प्रतीक है.