Budget 2025 Expectations: मिडिल क्लास को मिलेगी टैक्स में राहत... PM मोदी ने दिए संकेत?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के बजट सत्र की शुरुआत करते हुए गरीब और मिडिल क्लास की उम्मीदों को बढ़ावा दिया है.वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी, 2025 को मोदी 3.0 सरकार का दूसरा बजट और अपने कार्यकाल का आठवां बजट पेश करने जा रही हैं.
Budget 2025 Expectations: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के बजट सत्र की शुरुआत करते हुए गरीब और मिडिल क्लास के लिए विशेष रूप से देवी लक्ष्मी का आह्वान किया. उनका यह बयान बजट 2025 से करदाताओं की उम्मीदों को बढ़ा रहा है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी, 2025 को मोदी 3.0 सरकार का दूसरा बजट और अपने कार्यकाल का आठवां बजट पेश करने जा रही हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा, 'मैं प्रार्थना करता हूं कि देवी लक्ष्मी गरीब और मिडिल क्लास पर अपना आशीर्वाद बरसाएं.' इस बयान से यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि सरकार मिडिल क्लास को आयकर दरों में कटौती या छूट के रूप में बड़ी राहत दे सकती है. हर साल वेतनभोगी करदाता आयकर दरों में संशोधन की उम्मीद करते हैं, और इस बार भी टेक्स एक्टपर्ट मानक कटौती (Standard Deduction) बढ़ाने की वकालत कर रहे हैं.
नई कर व्यवस्था पर जोर
सरकार लगातार नई कर व्यवस्था (New Tax Regime) को बढ़ावा दे रही है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 72% करदाता पहले ही इस नई व्यवस्था को अपना चुके हैं. ऐसे में अगर कोई कर में छूट मिलती है, तो वह मुख्य रूप से नई आयकर व्यवस्था के तहत ही लागू होगी.
संभावित बदलावों में शामिल हो सकते हैं:
- आयकर स्लैब में बदलाव – कर छूट की सीमा बढ़ सकती है.
- मानक कटौती (Standard Deduction) में वृद्धि – जिससे वेतनभोगियों के हाथ में अधिक डिस्पोजेबल आय आएगी.
- छोटे व्यवसायों और स्टार्टअप्स को कर राहत – जिससे नवाचार और निवेश को बढ़ावा मिलेगा.
आर्थिक सुस्ती के बीच टैक्स रियायत की जरूरत
भारत की GDP वृद्धि दर 5.4% तक गिर गई है, जो दो साल में सबसे निचले स्तर पर है. एक्सपर्ट का मानना है कि अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए सरकार को मध्यम वर्ग के हाथ में अधिक पैसे छोड़ने होंगे, जिससे उपभोक्ता खर्च (Consumption) बढ़ सके. बजट 2025 से आम जनता को बड़ी राहत मिलेगी या नहीं, यह 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के भाषण में साफ हो जाएगा. लेकिन अगर सरकार मध्यम वर्ग को खुश करना चाहती है, तो आयकर दरों में कटौती और छूट सबसे बड़ा कदम हो सकता है.