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India Daily

वो आदमी जो अमेरिका को खरीदने की रखता है हैसियत फिर भी रिचेस्ट लिस्ट से बाहर, जानें आखिर क्या है पूरा माजरा

BlackRock CEO Larry Fink : ब्लैक रॉक दुनियाभर की प्रमुख कंपनियों में हिस्सेदारी रखता है, जिसमें भारत की कुछ प्रमुख कंपनियां भी शामिल हैं. इसका मतलब यह है कि फिंक के पास उतनी संपत्ति है कि वह अमेरिका, ब्रिटेन, और भारत जैसे देशों को भी खरीदने की क्षमता रखते हैं, लेकिन फिर भी वह व्यक्तिगत रूप से अरबपति नहीं हैं.

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Edited By: Gyanendra Tiwari
BlackRock CEO Larry Fink not in richest list Know Why
Courtesy: Social Media

BlackRock CEO Larry Fink: जब हम दुनिया के सबसे प्रभावशाली और अमीर व्यक्तियों का नाम लेते हैं, तो एलन मस्क, बिल गेट्स, जेफ बेजोस, मार्क जुकरबर्ग, मुकेश अंबानी और गौतम अडानी जैसे नाम ज़ेहन में आते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि अमेरिका में एक ऐसा शख्स है, जो इन सब से भी ज्यादा प्रभावशाली है, और फिर भी वह दुनिया के सबसे अमीर लोगों की सूची में नहीं आता? वह शख्स है लैरी फिंक, जो दुनिया की सबसे बड़ी एसेट मैनेजमेंट फर्म ब्लैक रॉक के CEO हैं.

लैरी फिंक ने 1988 में ब्लैक रॉक की स्थापना की थी, जो आज दुनिया की सबसे बड़ी एसेट मैनेजमेंट फर्म है. ब्लैक रॉक के पास 7.4 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर से ज्यादा का एसेट प्रबंधन है. 2024 के अंत तक, ब्लैक रॉक का मार्केट कैपिटलाइजेशन 12.808 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर था, और यह ग्लोबली 102वीं सबसे मूल्यवान कंपनी मानी जाती है. ब्लैक रॉक के पास जो संपत्ति है, वह कई देशों की GDP से भी अधिक है.

अमेरिकी जीडीपी का आधा हिस्सा है ये कंपनी

ब्लैक रॉक की संपत्तियां इतनी बड़ी हैं कि यह अमेरिकी GDP का लगभग आधा हिस्सा हैं. यह फर्म कुल वैश्विक स्टॉक्स और बॉन्ड्स का 10% हिस्सा रखती है, और इसे 'दुनिया का सबसे बड़ा शैडो बैंक' भी कहा जाता है क्योंकि इसके निवेश लगभग हर प्रमुख कंपनी में होते हैं.

लैरी फिंक, जो ब्लैक रॉक के चेयरमैन और CEO हैं, ने अपनी फर्म को एक ग्लोबल लीडर बनाने में अहम भूमिका निभाई है. ब्लैक रॉक का मिशन है 'हमारे क्लाइंट्स को बेहतर वित्तीय भविष्य बनाने में मदद करना'. फिंक के नेतृत्व में ब्लैक रॉक ने निवेश और तकनीकी समाधान के क्षेत्र में एक नई ऊँचाई हासिल की है.

क्यों नहीं हैं लैरी फिंक अरबपति की सूची में?

हालांकि लैरी फिंक दुनिया की सबसे बड़ी एसेट मैनेजमेंट कंपनी के CEO हैं, वह कभी भी अरबपतियों की सूची में शामिल नहीं हुए. इसका मुख्य कारण यह है कि फिंक के पास खुद का व्यक्तिगत संपत्ति संग्रह नहीं है, बल्कि वह जनता की जमा की हुई धनराशि का प्रबंधन करते हैं. ब्लैक रॉक के पास जितना भी पैसा है, वह सार्वजनिक बचत का हिस्सा है, और फिंक इन पैसों का सही दिशा में निवेश करते हैं.