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गौतम अडानी के झटके से उबरा शेयर बाजार, हफ्ते के आखिरी दिन किया बड़ा धमाका! जानें क्या रहे कारण

पिछले सात हफ्तों से निरंतर गिरावट का सामना करने के बाद, भारतीय शेयर बाजार में एक जोरदार रिबाउंड देखा गया. खासकर, गौतम अडानी से जुड़ी रिश्वतखोरी की मामले से जुड़े डर और नकारात्मक खबरों के बावजूद, निवेशकों ने बाजार में फिर से खरीद की.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
Biggest Rally in 5 Months in Indian Share Market shrugs off Adani fears know Reason

Share Market News: अमेरिका में अडाणी ग्रुप पर लगे रिश्वतखोरी के आरोपों ने गुरुवार 21 (नवंबर) को भारतीय शेयर बाजार को हिलाकर रख दिया था लेकिन आज बाजार की तेजी ने सभी को हैरान कर दिया. 22 नवंबर को भारतीय शेयर बाजार के सूचकांकों में  जबरदस्त 2.5 फीसदी की बढ़त देखने को मिली. निफ्टी 23,900 के ऊपर बंद हुआ जबकि सेंसेक्स 1,961.32 अंक चढ़कर 79,117.11 और निफ्टी 557.40 अंक चढ़कर 23,907.30 पर बंद हुआ. आज लगभग 2340 शेयरों में तेजी और 1418 शेयरों में गिरावट देखने को मिली जबकि 118 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ. 

सबसे ज्यादा दौड़ने वाले शेयर

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, टीसीएस, आईटीसी, अल्ट्राटेक सीमेंट, टाइटन के शयरों में सबसे ज्यादा तेजी देखने को मिली.

बाजार की तेजी पर क्या बोले एक्सपर्ट
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के विनोद नायर ने बाजार की तेजी पर कहा कि बाजार की तेजी हैरान करने वाली नहीं है. बाजार ओवरसोल्ड जोन में जा चुका था और वहां से तेजी की उम्मीद की जा रही थी. उन्होंने कहा कि दूसरी छमाही में कॉर्पोरेट अर्निंग में सुधार की उम्मीदों के साथ तमाम शेयरों के भाव अब करेक्शन के साथ अच्छे दिख रहे हैं जो आने वाले समय में खरीदारी का संकेत दे रहे हैं. इसके अलावा ग्लोबल और घरेलू राजनीतिक स्थितियों में सुधार ने भी बाजार को मजबूती दी है. उन्होंने कहा कि जापान की अक्तूबर महंगाई में गिरावट और 39 ट्रिलियन येन के प्रोत्साहन पैकेज के कारण भी वैश्विक बाजारों में तेजी दिखी.

भारतीय शेयर बाजार में तेजी का मुख्य कारण
पिछले सात हफ्तों से निरंतर गिरावट का सामना करने के बाद, भारतीय शेयर बाजार में एक जोरदार रिबाउंड देखा गया. खासकर, गौतम अडानी से जुड़ी रिश्वतखोरी की मामले से जुड़े डर और नकारात्मक खबरों के बावजूद, निवेशकों ने बाजार में फिर से खरीद की. विशेषज्ञों के अनुसार, 21 नवंबर को अडानी मामले ने बाजार पर दबाव डाला था, जिससे निवेशक संकोच कर रहे थे, लेकिन 22 नवंबर को शेयर बाजार ने इस खतरे को पीछे छोड़ते हुए जबरदस्त तेजी दिखाई.

बाजार में इस रैली के प्रमुख कारणों में से एक यह था कि निवेशकों ने बाजार के नकारात्मक पहलुओं को नजरअंदाज कर दिया और आगे की संभावनाओं पर ध्यान केंद्रित किया. हालांकि रूस-यूक्रेन युद्ध और विदेशी निवेशकों (FII) द्वारा लगातार बिकवाली का दबाव अभी भी बना हुआ है, फिर भी बाजार के विशेषज्ञ मानते हैं कि कुछ निर्णायक घटनाओं से बाजार की दिशा तय हो सकती है.

महाराष्ट्र चुनाव के परिणामों का असर
शेयर बाजार की इस तेजी के पीछे एक और अहम कारण महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणामों की उम्मीदें हैं. बाजार ने बीजेपी के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन की संभावित जीत को पहले ही प्राइस कर लिया था. कई एग्जिट पोल्स के मुताबिक, बीजेपी-शिवसेना गठबंधन को बहुमत मिलने की संभावना जताई जा रही है.

वर्तमान में महायुति को 151 सीटें, महा विकास अघाड़ी (MVA) को 129 सीटें और अन्य पार्टियों को 8 सीटें मिलने की उम्मीद जताई जा रही है. 288 सीटों वाले विधानसभा चुनाव के नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे, और यह बाजार की दिशा को प्रभावित करने वाले अहम घटनाक्रम हो सकते हैं.