दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी ऐमजॉन अपनी चल रही लागत-कटौती रणनीति के तहत साल 2025 की शुरुआत तक 14,000 कॉर्पोरेट कर्मचारियों की छंटनी करने जा रहा है. यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब ई-कॉमर्स दिग्गज AI-संचालित समाधानों को अपनाने के बीच संचालन को सुव्यवस्थित करने और मध्यम प्रबंधन पदों को कम करने के लिए काम कर रहा है.
इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए, कंप्लीट सर्कल के सीइओ गुरमीत चड्ढा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपनी निराशा जताई. उन्होंने कहा, "नवंबर में पहले ही 18,000 नौकरियों में कटौती करने के बाद ऐमजॉन 10,000 और लोगों की छंटनी कर रहा है. वे अपने HR प्रमुखों को 'पीपल एक्सपीरियंस हेड', 'चीफ पीपल ऑफिसर' और अन्य फैंसी नामों से बुलाते हैं... चड्ढा ने आगे लिखा कर्मचारियों को परिवार कहा जाता है. ये सब ड्रामा!!"
सीइओ गुरमीत चड्ढा ने कंपनी पर साधा निशाना
चड्ढा ने तकनीकी नवाचार के नाम पर बड़े पैमाने पर छंटनी की भी कड़ी आलोचना की. उन्होंने तर्क दिया कि विघटनकारी प्रगति कर्मचारियों की आजीविका की कीमत पर नहीं आनी चाहिए. उन्होंने कहा, "एआई या कोई भी व्यवधान जो आपके अपने लोगों के लिए दुख लाता है, बेकार है." लोगों को प्राथमिकता देने के नजरिए की जरूरतों पर जोर देते हुए उन्होंने गुरु नानक देव के 'सरबत दा भला' (सभी का कल्याण) के दर्शन का हवाला दिया, जिसमें कहा गया कि मानव कल्याण नवाचार के लिए केंद्रीय होना चाहिए.
चढ्ढा ने कहा,"मुझे पुराने ज़माने का कहो, लेकिन मैं लोगों को किसी भी चीज़ से ज़्यादा महत्व देता हूं गुरु नानक देवजी ने कहा कि किसी भी नवाचार में लोगों के कल्याण (सरबत दा भला) को अपने मूल में रखना चाहिए.
ऐमजॉन की छंटनी का उद्देश्य?
हालांकि, ऐमजॉन कंपनी की छंटनी ऐसे समय में की गई है जब CEO एंडी जेसी ने मध्यम प्रबंधन को कम करने और परिचालन दक्षता को बढ़ाने के लिए कई प्रयास किए हैं. शुरुआत में, जेसी ने 2025 की पहली तिमाही तक मध्यम प्रबंधकों की संख्या में 15% की कमी करने का लक्ष्य रखा था, लेकिन कंपनी पहले ही इस टारगेट को पार कर चुकी है. ऐमजॉन की नवीनतम नौकरी में कटौती एक बड़े बदलाव को दर्शाती है, जिसमें AI-संचालित स्वचालन कॉर्पोरेट संरचनाओं को नया रूप दे रहा है और पारंपरिक रोजगार पैटर्न को बदल रहा है.