गुरुवार (13 फरवरी) को संसद में नया आयकर विधेयक पेश किया जाएगा. यह बिल दशकों पुराने आयकर अधिनियम 1961 की जगह लेगा और इसके 2026 से प्रभावी होने की उम्मीद है. सीएनबीसी टीवी-18 के मुताबिक, इस बिल में टैक्स दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है, लेकिन कुछ महत्वपूर्ण बदलाव जरूर किए गए हैं. आइए जानते हैं इनके बारे में:
पुरानी टैक्स व्यवस्था में बदलाव
नई टैक्स व्यवस्था (धारा 202)
नई टैक्स व्यवस्था के तहत व्यक्तियों, हिंदू अविभाजित परिवारों, व्यक्तियों के संघों आदि के लिए टैक्स की दरें इस प्रकार हैं:
4,00,000 रुपए तक: कोई टैक्स नहीं
4,00,001 रुपए से 8,00,000 रुपए: 5%
8,00,001 से 12,00,000: 10%
12,00,001 से 16,00,000: 15%
16,00,001 से 20,00,000: 20%
20,00,001 से 24,00,000: 25%
24,00,000 से ऊपर: 30%
कुछ धाराओं या अनुसूचियों में कुल आय की गणना के लिए छूट या कटौती प्रदान नहीं की जाती है, जिसमें गृह संपत्ति और पूंजीगत लाभ से आय शामिल है.
पूंजीगत लाभ
किसी कर वर्ष में पूंजीगत संपत्ति के हस्तांतरण से होने वाले किसी भी लाभ या लाभ पर, धारा 82, 83, 84, 86, 87, 88 और 89 में अन्यथा प्रावधानित के अलावा, "पूंजीगत लाभ" शीर्षक के तहत आयकर लगाया जाएगा और इसे उस कर वर्ष की आय माना जाएगा जिसमें हस्तांतरण हुआ था.
पेंशन और मुआवजा कटौती
पेंशन कम्यूटेशन: केंद्र सरकार या सिविल सेवाओं, रक्षा और अन्य सरकारी सेवाओं के लिए समान योजनाओं के सिविल पेंशन (कम्यूटेशन) नियमों के तहत प्राप्त पेंशन के कम्यूटेशन को पूरी तरह से काटा जाएगा.
स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना भुगतान: स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना के तहत प्राप्त भुगतान कटौती योग्य होंगे, जिसकी न्यूनतम राशि 5,00,000 रुपए या केंद्र सरकार द्वारा निर्दिष्ट राशि होगी.
नया इनकम टैक्स बिल
पिछले सप्ताह, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नए इनकम टैक्स बिल को मंजूरी दे दी. सीतारमण ने 1 फरवरी को अपने बजट भाषण में कहा था कि यह विधेयक जल्द ही संसद में पेश किया जाएगा.