55th GST Council Recommendations: राजस्थान के जैसलमेर में शनिवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अध्यक्षता में 55वीं GST परिषद की बैठक हुई. इस बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए. इन निर्णयों का उद्देश्य कर प्रक्रियाओं को सरल बनाना, कुछ क्षेत्रों में राहत प्रदान करना, और टैक्स नीतियों को नए आवश्यकताओं के अनुसार ढालना है.
आइए जानते हैं कि इस बैठक में कौन सी चीजें सस्ती हुईं और किन पर GST दर बढ़ाई गई है.
कई वस्तुओं और सेवाओं पर GST दरों में कमी की गई है, जिससे उपभोक्ताओं को वित्तीय राहत मिल सके:
1. फोर्टिफाइड राइस (FRK): फोर्टिफाइड राइस (FRK) पर GST दर को 5% तक कम कर दिया गया है, जब यह सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के माध्यम से आपूर्ति किया जाता है. इसका उद्देश्य गरीब और कमजोर वर्गों को सस्ता और पोषक तत्वों से भरपूर चावल मुहैया कराना है.
2. जीन थैरेपी: जीन थैरेपी को GST से पूरी तरह से मुक्त कर दिया गया है. यह कदम चिकित्सा के उन्नत उपचारों को अधिक सुलभ बनाने के लिए उठाया गया है.
3. मुफ्त वितरण के लिए खाद्य तैयारी: सरकारी योजनाओं के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए भोजन वितरण में उपयोग होने वाली सामग्री पर अब 5% की रियायती GST दर लागू होगी.
4. लॉन्ग रेंज सर्फेस-टू-एयर मिसाइल (LRSAM) असेंबली के लिए सिस्टम: LRSAM के निर्माण में उपयोग होने वाले सिस्टम, उप-प्रणाली और उपकरणों पर Integrated Goods and Services Tax (IGST) को छूट दे दी गई है, जो रक्षा क्षेत्र को लाभ पहुंचाएगा.
5. IAEA के लिए निरीक्षण उपकरण: अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) द्वारा निरीक्षण के लिए आयात किए गए उपकरणों और उपभोक्ता नमूनों पर IGST छूट लागू की गई है, जिससे अंतरराष्ट्रीय नियामक अनुपालन में सहायता मिलेगी.
6. काली मिर्च और किशमिश (सीधे बिक्री): कृषि उत्पादकों द्वारा सीधे बेची जाने वाली काली मिर्च और किशमिश अब GST से मुक्त रहेंगी, जिससे कृषि उत्पादकों को राहत मिलेगी.
कुछ वस्तुओं और सेवाओं पर GST दर बढ़ाई गई है, जिससे उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त लागत आएगी:
1. पुरानी और उपयोग की गई वाहन (EVs समेत): पुरानी और उपयोग की गई वाहनों पर GST दर को 12% से बढ़ाकर 18% कर दिया गया है, सिवाय कुछ पेट्रोल और डीजल वेरिएंट्स के. इसका असर वाहन बाजार पर पड़ेगा, खासकर पुराने वाहनों के पुनर्विक्रय पर.
2. तैयार खाने वाली पॉपकॉर्न: प्री-पैकेज्ड और लेबल वाले तैयार खाने वाली पॉपकॉर्न पर अब 12% GST लगेगा, जबकि कैरामेलाइज्ड पॉपकॉर्न पर 18% GST लगेगा. "नमकीन" के रूप में बेचे जाने वाले बिना पैक और लेबल वाले पॉपकॉर्न पर 5% GST लगेगी.
3. ऑटोक्लेव्ड एरेटेड कंक्रीट (ACC) ब्लॉक: ACC ब्लॉक्स, जिनमें 50% से अधिक फ्लाई ऐश है, पर अब 12% GST लगेगा, जो निर्माण लागत को प्रभावित करेगा.
4. कॉर्पोरेट प्रायोजन सेवाएं: कॉर्पोरेट प्रायोजन सेवाओं को Forward Charge Mechanism के तहत लाया गया है, जिससे कॉर्पोरेट प्रायोजकों पर अतिरिक्त लागत का बोझ पड़ सकता है.
GST परिषद ने कुछ अन्य नीतिगत बदलावों की भी घोषणा की है, जिनका उद्देश्य मौजूदा नीतियों को स्पष्ट करना और लंबित विवादों को हल करना है:
वाउचर: वाउचर के लेन-देन को न तो माल की आपूर्ति और न ही सेवा की आपूर्ति माना गया है, और उन्हें GST से छूट दी गई है.
पेनल चार्जेस: बैंकों और NBFCs द्वारा लोन शर्तों के उल्लंघन पर लगाए गए पेनल्टी चार्जेस पर अब GST लागू नहीं होगा, जिससे उधारकर्ताओं को राहत मिलेगी.