Vehicle Insurance Tips: अगर आपका वाहन 1 से 2 साल पुराना है और आपको इसके चोरी होने या फिर फुल डैमेज होने का डर सताता है तो आप अपने वाहन के बीमे में RTI एड ऑन करा सकते हैं. इसको एड ऑन कराने के बाद आपको अपने वाहन की टेंशन लेने की जरूरत नहीं रहेगी. इसके बाद आपके वाहन की पूरी जिम्मेदारी बीमा कंपनी की हो जाती है.
जब हम कोई गाड़ी खरीदने जाते हैं तो एक्सशोरूम प्राइस के बाद भी हमें बीमा, रजिस्ट्रेशन और एक्सेसीरिज में कुछ एक्स्ट्रा पैसे खर्च करने पड़ जाते हैं. इसके बाद उस वाहन की इनवॉयस बनती है. इसमें दी गई पूरी पेमेंट का ब्यौरा होता है. जब भी कार या बाइक चोरी होती है तो बीमा कंपनी उस वाहन की IDV वैल्यू ही पे करती है. इसी प्रकार फुल लॉस में भी वाहन की आईडीवी वैल्यु की पे की जाती है, लेकिन आरटीआई को अगर आप एड ऑन करा लेते हैं तो बीमा कंपनी उस वाहन के पूरी इनवॉयस वैल्यू आपको वापस करेगी.
RTI का पूरा नाम Return To Invoice है. अगर आप अपने वाहन का बीमा लेते समय RTI एड ऑन करा लेते हैं तो आपको बीमा कंपनी आपको पूरा इनवॉयस का पैसा रिफंड करती है. अगर आपके पास यह एड ऑन है तो गाड़ी चोरी या फिर फुल डैमेज होने के केस में आपको उसकी वर्तमान IDV वैल्यू से कुछ लेना देना नहीं रह जाता है. अगर आप इसको एडऑन नहीं कराते हैं तो फुल डैमेज या चोरी के केस में आपको बीमा कंपनी बीते साल की IDV वैल्यू का 10 प्रतिशत अमाउंट काटकर पे करती है.
अगर आपकी गाड़ी में कोई खरोंच आती है या फिर विंड स्क्रीन अथवा हल्का-फुल्का डैमेज होता है तो आपको इसका फायदा नहीं है. ऐसे केस में जो बीमा है वही काम करेगा. अगर कार चोरी हो जाए या फिर फुल डैमेज में चली जाए तो आरटीआई कवर आपको कार की ऑनरोड कीमत दिलाता है.
Disclaimer : यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. theindiadaily.com इसकी पुष्टि नहीं करता है. अधिक जानकारी के लिए आप बीमा कंपनी में संपर्क कर सकते हैं.