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टेस्ला के लिए तीसरी बार जादू? एलन मस्क की कंपनी की भारतीय मार्केट में एंट्री की योजना के बारे में हम क्या जानते हैं!

भारत में टेस्ला का आगमन EV उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हो सकता है, लेकिन यह देखते हुए कि भारत में लक्जरी EVs की मांग अभी भी सीमित है, टेस्ला को बहुत अधिक चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा. हालांकि, इसकी एंट्री भारतीय EV बाजार के लिए एक प्रेरणा का काम कर सकती है, जिससे अन्य कंपनियों को भी नए अवसर मिल सकते हैं.

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Edited By: Mayank Tiwari
दुनिया के सबसे अमीर कारोबारी एलन मस्क
Courtesy: Social Media
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भारत में टेस्ला की एंट्री की खबर एक बार फिर सुर्खियों में है, खासकर जब से कंपनी के सीईओ एलोन मस्क ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी. मस्क के इस दौरे के बाद, टेस्ला ने भारत में वाहन आयात करने के लिए उत्पादन शुरू कर दिया है और संभावित कारखानों के लिए स्थानों की तलाश भी शुरू कर दी है, हालांकि इस खबर की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.

नई पॉलिसी का लाभ उठाते हुए टेस्ला का प्रवेश

मीडया रिपोर्ट के मुताबिक, मार्च 2024 में भारत सरकार ने एक नई नीति लागू की थी, जिसके तहत इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) के निर्माताओं को 15% कम कस्टम ड्यूटी दर पर पूरी तरह से तैयार इलेक्ट्रिक वाहन (CBUs) आयात करने की अनुमति दी गई है. इस पॉलिसी के तहत, एक विदेशी EV निर्माता 40,000 यूनिट्स तक आयात कर सकता है, लेकिन शर्त यह है कि उसे भारत में एक कारख़ाना स्थापित करना होगा और इसमें $500 मिलियन का निवेश करना होगा.

टेस्ला के भारत में कदम रखने के क्या हैं कारण?

हालांकि टेस्ला के पहले कदम में कारों को बर्लिन के संयंत्र से आयात किया जाएगा, लेकिन इस बार कंपनी की योजना भारत में EV आपूर्ति श्रृंखला को बेहतर करने की है. साल 2023 में टेस्ला ने भारत से लगभग $1 बिलियन मूल्य के ऑटो घटक खरीदे, जैसे कि प्लास्टिक पार्ट्स, कास्टिंग और डिफरेंशियल हब हैं.

ग्लोबल मंदी और बढ़ता कंप्टीशन

टेस्ला को अपनी ग्लोबल बिक्री में एक बड़ी मंदी का सामना करना पड़ रहा है. जनवरी 2025 में जर्मनी में 59.5% और फ्रांस में 63.3% की बिक्री में गिरावट दर्ज की गई. अमेरिका में भी बिक्री में कमी आई है, और चीन जैसे प्रमुख बाजार में भी बिक्री में 11.5% की गिरावट आई है।. इन कारणों से मस्क ने भारत में दोबारा एंट्री की योजना बनाई है, जो एक उच्च वृद्धि संभावित बाजार हो सकता है.

भारत में टेस्ला की कीमतें और कंप्टीशन

भारत में, टेस्ला मॉडल 3 की कीमत ₹44.2 लाख (एक्स-शोरूम) होगी, जो बिना स्थानीय निर्माण के, 70% कस्टम ड्यूटी पर और ₹65 लाख तक पहुंच सकती है. जबकि भारत में टेस्ला का ब्रांड मूल्य मजबूत है, लेकिन Hyundai, Kia, BMW, Audi जैसी कंपनियां बेहतर गुणवत्ता वाले वाहन और सुविधाएं प्रदान करती हैं, जो कीमत के लिहाज से टेस्ला से प्रतिस्पर्धा करती हैं.

भारत में EV आपूर्ति श्रृंखला में सुधार

टेस्ला का भारत में प्रवेश न केवल भारतीय बाजार के लिए फायदेमंद होगा, बल्कि यह पूरे EV आपूर्ति श्रृंखला को भी मजबूत करेगा. रिपोर्ट्स के अनुसार, कई आपूर्तिकर्ता गुजरात और तमिलनाडु में संभावित स्थानों की तलाश कर रहे हैं. इससे यूरोप से उच्च गुणवत्ता वाले घटक प्रदाता भारत आ सकते हैं, जिससे EV आपूर्ति श्रृंखला और मजबूत होगी.

भविष्य के मॉडल और उत्पादन में देरी

टेस्ला ने कई मॉडल्स की घोषणा की थी, जिनमें से कुछ में बड़ी देरी हो चुकी है, जैसे कि Cybertruck और Tesla Roadster शामिल हैं. भारत में भी अगर टेस्ला अपने मॉडल 2 के उत्पादन में प्रवेश करती है, तो यह एक बड़ा कदम होगा, लेकिन इसे उत्पादन के लिए कई साल लग सकते हैं.

क्या टेस्ला बिना सुपरचार्जर नेटवर्क के काम कर सकेगी?

भारत में टेस्ला का सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या कंपनी बिना सुपरचार्जर नेटवर्क के अपनी पूरी क्षमता से काम कर पाएगी? सुपरचार्जर नेटवर्क टेस्ला की सफलता का अहम हिस्सा है, और यदि भारत में इसे स्थापित नहीं किया जाता, तो टेस्ला केवल एक लक्जरी वाहन के रूप में रह जाएगी, जो भारतीय सड़कों पर अन्य कंपनियों से प्रतिस्पर्धा करेगी.