Hyundai Verna Exports from India: दुनिया में हुंडई इंडिया का दबदबा, 25 सालो में 37 लाख कारों को किया एक्सपोर्ट
हुंडई मोटर इंडिया ने आज घोषणा की कि उसने भारत से निर्यात के 25 साल पूरे कर लिए हैं. भारत से निर्यात 1999 में शुरू हुआ था, पिछले कुछ सालों में हुंडई ने भारत से दुनिया भर के 60 से ज़्यादा देशों में 3.7 मिलियन से ज़्यादा कारें भेजी हैं. कंपनी ने यह भी कहा कि 2024 में सऊदी अरब, दक्षिण अफ़्रीका, मैक्सिको, चिली और पेरू कंपनी के लिए सबसे बड़े निर्यात बाज़ार बनकर उभरे हैं. हुंडई ने CY 2024 में कुल 1,58,686 कारों का निर्यात किया है.
Hyundai Verna Exports from India: भारतीय इंजीनियरिंग और शिल्प कौशल की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है. इसका सबसे बड़ा उदाहरण हुंडई मोटर इंडिया का निर्यात क्षेत्र में शानदार प्रदर्शन है.
दक्षिण कोरिया के बाहर हुंडई का सबसे बड़ा निर्यात केंद्र बनने की दिशा में यह कंपनी लगातार आगे बढ़ रही है.
हुंडई मोटर इंडिया के 25 वर्ष: एक ऐतिहासिक उपलब्धि
हुंडई मोटर इंडिया ने भारत से निर्यात के 25 वर्ष पूरे कर लिए हैं. कंपनी ने 1999 में निर्यात की शुरुआत की थी और तब से अब तक 60 से अधिक देशों में 3.7 मिलियन से ज्यादा कारें भेज चुकी है. 2024 में सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, मैक्सिको, चिली और पेरू हुंडई के लिए सबसे बड़े निर्यात बाजार बनकर उभरे हैं.
निर्यात में वृद्धि और प्रमुख मॉडल
हुंडई ने 2024 में कुल 1,58,686 कारों का निर्यात किया है. कंपनी के लोकप्रिय मॉडल i10 परिवार की 1.5 मिलियन से अधिक इकाइयां निर्यात की गई हैं, जिसमें i10, Grand i10 और Grand i10 Nios शामिल हैं. इसी तरह, वर्ना परिवार की 500,000 से अधिक इकाइयां अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भेजी गई हैं.
दक्षिण अफ्रीका में बढ़ती मांग
दक्षिण अफ्रीका हुंडई इंडिया के सबसे बड़े निर्यात बाजारों में से एक है, जहां अब तक 1 मिलियन से अधिक इकाइयां भेजी जा चुकी हैं. 2024 में कंपनी ने Exter Micro SUV का निर्यात भी शुरू किया, जो दक्षिण अफ्रीका में भारत निर्मित आठवां मॉडल है.
लोकप्रिय मॉडल और वैश्विक विस्तार
हुंडई इंडिया वर्तमान में कई प्रमुख मॉडलों का निर्यात करती है, जिनमें Creta, Alcazar, Verna, Exter और i10 शामिल हैं. कंपनी की रणनीति इसे दक्षिण कोरिया के बाहर हुंडई के सबसे बड़े विनिर्माण और निर्यात केंद्र के रूप में स्थापित करने की है.
हुंडई मोटर इंडिया की यह उपलब्धि भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग के बढ़ते वर्चस्व को दर्शाती है. यह न केवल भारतीय इंजीनियरिंग में बढ़ते भरोसे का प्रमाण है, बल्कि भारत को एक वैश्विक विनिर्माण हब के रूप में स्थापित करने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है.