Electric Vehicle Charging Tips: हम सभी बैटरी से चलने वाले डिवाइस का इस्तेमाल करने लगे हैं. फिर चाहें वो लैपटॉप हो या मोबाइल, लगभग हर डिवाइस बैटरी ऑपरेटेड आने लगी है. इसी तरह से EV यानी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स होती हैं. कई लोग इन्हें ले तो लेते हैं लेकिन उन्हें ये पता नहीं होता है कि उन्हें ठीक से चार्झ कैसे करना है. यहां हम आपको कुछ टिप्स दे रहे हैं जो आपको ईवी को ठीक से चार्ज करने में मदद करेगी.
इलेक्ट्रिक व्हीकल के भी कई चार्जिंग लेवल होते हैं. आपको इन सभी के बारे में पता होना जरूरी है. इनमें लेवल 1 चार्जिंग, लेवल 2 चार्जिंग और लेवल 3 चार्जिंग या डीसी फास्ट चार्जिंग शामिल हैं, चलिए जानते हैं इसके बारे में.
हर ईवी लेवल 1 चार्जिंग डिवाइस के साथ आती है. यह एक इलेक्ट्रिक कॉर्ड है जिसका एक सिरा ईवी के चार्ज पोर्ट में और दूसरा रेगुलर 120V घरेलू सॉकेट में प्लग किया जा सकता है. यह चार्जिंग का सबसे स्लो तरीका है और बैटरी के आधार पर चार्जिंग के हर घंटे में 3.5 से 8 किमी की रेंज एड की जा सकती है. हालांकि, यह याद रखना जरूरी है कि ईवी को जीरो से चार्ज करना सही नहीं है क्योंकि यह खतरनाक साबित हो सकता है. अगर आप अपनी EV को अक्सर 30 से 40 किलोमीटर से ज्यादा नहीं चलाते हैं, तो लेवल 1 चार्जिंग ठीक काम कर सकती है.
अगर लेवल 1 चार्जिंग आपकी जरूरतों को पूरा नहीं करती है, तो आप लेवल 2 चार्जिंग के बारे में भी सोच सकते हैं. लेवल 2 चार्जिंग 240V तक का सपोर्ट करती है. यह लेवल 1 चार्जिंग की तुलना में EV को तीन गुना से फास्ट चार्ज कर सकती है. यह 30 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की चार्जिंग उपलब्ध कराती है. इससे रातभर में पूरी तरह से गाड़ी चार्जर हो जाती है. लेवल 2 चार्जिंग के लिए आपको अपने घर पर 220 - 220V आउटलेट सेट-अप इंंस्टॉल करना होगा. ऐसा करने के लिए आपको डीलरशिप से कॉन्टैक्ट करना होगा.
बता दें कि लेवल 2 चार्जर केवल डॉमेस्टिक यूज तक ही सीमित नहीं है. यह पब्लिक प्लेस, ऑफिस, शॉपिंग मॉल्स में ज्यादा पाया जाता है. इनमें वो जगहें शामिल हैं जहां लोग ज्यादा से ज्यादा समय बिताते हैं.
जैसा कि नाम से पता चलता है, एक डीसी फास्ट चार्जर लेवल 1 और लेवल 2 चार्जिंग की तुलना में EV को काफी तेजी से चार्ज करता है. डीसी फास्ट चार्जर केवल कुछ स्पेशल चार्जिंग स्टेशन्स पर ही उपलब्ध होता है. चार्जिंग की इतनी तेज स्पीड, DC चार्जर लेवल 1 और लेवल 2 चार्जर की तुलना में अलग तरीके से बनाए जाती है. यह हाई वोल्टेज का सहारा लेता है.
DC फास्ट चार्जिंग के मामले में वोल्टेज 480V तक होता है और चार्जिंग दर 50 से 350 kWh तक होती है. DC फास्ट चार्जिंग के लिए, EV की चार्जिंग क्षमता काफी मायने रखती है. इसके अलावा, फास्ट चार्जिंग में EV केवल 80 से 90 प्रतिशत तक ही तेजी से चार्ज होती है और उसके बाद चार्जिंग की दर कम हो जाती है. ऐसा बैटरी को ओवरहीटिंग से बचाने के लिए किया जाता है. इसका एक आसान उदाहरण यह है- जब आप किसी बर्तन में पानी भरते हैं और तेज नल चला देते हैं तो पहले तो वो तेज भरता है और फिर ऊपर तक आते-आते उसमें से पानी बह जाता है. यही कारण है कि EV को 100 प्रतिशत तक चार्ज करना कभी भी सही नहीं होता है. EV निर्माता का कहना है कि DC फास्ट चार्जिंग का जितना हो सके उतना कम इस्तेमाल करना चाहिए क्योंकि इसका EV की बैटरी पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है.
चाहे EV हो या ICE कार, EV चार्जिंग के लिए एक सही जगह निर्धारित कर लें. पार्किंग की जगह कार चार्ज न करें. पब्लिक प्लेस में चार्जिंग सॉकेट या चार्जिंग स्टेशन के सामने इसे चार्ज किया जा सकता है.
एक बार जब आपका EV चार्ज हो जाए तो अपनी कार को चार्जिंग बे से बाहर निकालें. अगर आपकी EV बैटरी के 100 प्रतिशत चार्ज हो जाने के बाद भी चार्जर में प्लग्ड है तो आपको चार्जिंग स्टेशन दंडित कर सकते हैं.हमारा सुझाव नहीं है कि आप अपनी EV को चार्ज होने के तुरंत बाद ही निकाल लें. ओवरचार्ज न करें. अगर आप यह जानते हैं कि आपके EV को चार्ज होने में कितना समय लगता है तो यह चेक करें.
अगर आपके आस-पास कोई ऐसा व्यक्ति है जिसके पास ईवी है तो आपको उससे बात करनी होगी और आपको उससे बात करनी होगी और यह समझना होगा कि EV को कितनी देर तक चार्ज करना चाहिए.
जब आप अपना EV चार्ज कर लें, तो कनेक्टर को वापस उसके पोर्ट पर लगा दें. कनेक्टर को लटकाए रखना या गिराना न केवल उसे नुकसान पहुंचाता है बल्कि यह सिक्योरिटी के लिहाज से भी सही नहीं है.